सिर्फ और सिर्फ सेना के मनोबल को तोड़ने वाले हैं कांग्रेस नेताओं के ब्यान : प्रो. धूमल

कांग्रेस नेता धन्यवाद व्यक्त करने के बजाए प्रधानमंत्री के खिलाफ निरर्थक ब्यानबाजी करके अपनी संर्कीण सोच का दे रहे हैं परिचय

शिमला : पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के पश्चात पूरी तरह से बिखर चुकी कांग्रेस पार्टी व उनके नेतागण अपना वजूद बचाने के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ हल्की व निराधार ब्यानबाजी कर रहे हैं। इस तरह की ब्यानबाजी में वह लोग ज्यादा मुखर है जिन्हें मौका मिलने के बावजूद वह प्रदेश के विकास के लिए कुछ नहीं कर पाए हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनन्द शर्मा के ब्यान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ दिए गए ब्यान उस स्तर के नहीं हैं जिसकी अपेक्षा उनसे की जाती है।

प्रो. धूमल ने कहा कि पूर्व यूपीए सरकार के दौरान प्रदेश से दो मंत्री होने के बावजूद पार्टी हित के लिए प्रदेश हित की बली दी जाती रही थी। केन्द्रीय मंत्रीमण्डल का हिस्सा होते हुए कैबिनैट बैठकों में जब प्रदेश के विशेष राज्य व औद्योगिक पैकेज को छीना गया तब आन्नद शर्मा क्यों चुप थे? उन दस वर्षों में प्रदेश को विशेष आर्थिक सहायता के नाम पर एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली तब कांग्रेस नेताओं का प्रदेश प्रेम कहां गायब हो गया था। आज जब पिछले ढाई वर्षों में मोदी सरकार ने कांग्रेस की अपेक्षाओं से अधिक धन प्रदेश के विकास के लिए उपलब्ध करवाया है तब भी कांग्रेस नेता धन्यवाद व्यक्त करने के बजाए प्रधानमंत्री के खिलाफ निरर्थक ब्यानबाजी करके अपनी संर्कीण सोच का परिचय दे रहे हैं।

प्रो. धूमल ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के पश्चात कांग्रेस नेताओं के ब्यान देश की जनता में हॅंसी का विषय बन गए हैं। 1971 के युद्ध के दौरान जब भारतीय सेना ने असीम पराक्रम की गाथा लिखते हुए 90 हजार से अधिक पाक सैनिकों को बंदी बनाया था तो उसका श्रेय भारतीय सेना के साथ-साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को विपक्षी नेताओं सहित देश की जनता ने दिया था। मई 1998 में परवाणु विस्फोटों के पश्चात जहां वैज्ञानिकों को देश की जनता ने सिर माथे पर बैठाया वहीं इस साहसिक निर्णय को लेने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी को भी श्रेय दिया। कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जबाव देने के लिए भारतीय सेना के पराक्रम की सर्वत्र सराहना हुई तो अटल की नेतृत्व क्षमता को भी देश की जनता ने श्रेय दिया। अब जब भारतीय सेना ने पहली बार अतूल्य पराक्रम की गाथा लिखते हुए सीमा पार करके आतंकवादियों सहित उनके ठिकानों को ध्वस्त किया तो श्रेय सेना के साथ-साथ इस तरह के साहसिक व अभूतपूर्व नेतृत्व क्षमता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी मिला, परन्तु तुच्छ राजनीति व घटिया सोच के चलते कांग्रेस नेता भारतीय सेना के पराक्रम पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के इस तरह के ब्यान सिर्फ और सिर्फ सेना के मनोबल को तोड़ने वाले हैं।

प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि केन्द्रीय करों में हिमाचल का हिस्सा 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत, 14वें वितायोग में 234 प्रतिशत वृद्धि, आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए 61 राष्ट्रीय उच्च मार्गों की स्वीकृति, एम्स, हाईड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज, आईआईएमएस जैसे संस्थान आज कांग्रेसियों को नज़र नहीं आ रहे हैं। मात्र ढाई वर्षों में प्रदेश में पूर्व की तुलना में अरबों रू. का फायदा केन्द्र की मोदी सरकार ने पहुंचाया है। उसका आभार व्यक्त करने के बजाए, प्रधानमंत्री के खिलाफ निराधार टिप्पणियां दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीति में संर्कीण सोच का परिचायक है और कांग्रेसी नेताओं को इस तरह के स्तरहीन टिप्पणियों से राजनीति का स्तर नीचा नहीं करना चाहिए।

 

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