शिमला : राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद्, हि.प्र. शिमला द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्य उद्यमों के लिए बौद्धिक सम्पदा अधिकारों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन देव सदन कुल्लू में 22 अक्तूबर, 2016 को किया जा रहा है। यह जानकारी कुनाल सत्यार्थी संयुक्त सदस्य, सचिव जैव विविधता बोर्ड ने जानकारी देते हुए बताया कि हस्तशिल्प एवं हथकरघा से सम्बन्धित तथा लगभग 100 प्रतिभागी जो कि कुल्लू शॉल बुनकर, व्यापारी, सूक्ष्म लघु एवं मध्य उद्यमी हैं हिस्सा लेंगें। इनके अलावा वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार के Patent विभाग के संबल अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि हि.प्र. पेटेंट कक्ष राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद् में अक्तूबर 1998 को भारत सरकार के राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद् द्वारा स्थापित हुआ था। इसका मुख्य उददे्श्य Intellectual Property Rights के बारे में जागरुकता और पेटेंट को file करने की विधि से अवगत कराना था। Geographical Indicators file करने के लिए विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद का पेटेंट केन्द्र चिन्हित किया गया है। आयुर्वेद मंत्री करण सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने बताया कि पेटेंट केन्द्र ने 6 जी.आई.य कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, चम्बा रुमाल, किन्नौरी शॉल, कांगड़ा पेंटिंग, कुल्लू शॉल लोगो को भी पंजीकृत किया है।