शिमला : शास्त्रीय संगीत भारतीय संगीत की पहचान है। इस तरह के कार्यक्रमों से हमें शास्त्रीय संगीत और अधिक जानने व समझने का अवसर प्राप्त होता है। यह बात आज सिंचाई जन स्वास्थ्य, बागवानी एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री विद्या स्टोक्स ने गेयटी थियेटर में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय शिमला शास्त्रीय संगीत उत्सव के शुभारंभ करने के उपरांत कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में इस प्रकार के आयोजनों का विशेष महत्व है। शास्त्रीय संगीत के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए ऐसे आयोजनों का विशेष महत्व है। ऐसे आयोजनों से नवोदित शास्त्रीय संगीतज्ञों को भी और अधिक ज्ञानार्जन का अवसर प्राप्त होता है। सचिव भाषा एवं संस्कृति अनुराधा ठाकुर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा शिमला शास्त्रीय संगीत उत्सव के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम का आगाज डॉ. शुभा मुदगल द्वारा मनमोहक शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति से हुआ। 21 अक्तूबर को पंडित शुभंकर बैनर्जी एवं पंडित योगेश समसी, 22 अक्तूबर को पंडित रोनू मजूमदार, 23 अक्तूबर को पंडित भजन सोपोरी तथा 24 अक्तूबर, 2016 को अश्विनी भिड़े देशपाण्डे की आकर्षक प्रस्तुतियां होंगी। इस कार्यक्रम का आयोजन स्पिक मैके संस्था के सहयोग से किया जा रहा है। इस उत्सव का आयोजन स्पिक मैके संस्था के सहयोग से किया जा रहा है। इस अवसर पर निदेशक, भाषा एवं संस्कृति विभाग शशि ठाकुर भी उपस्थित थी।