सरकार रघुनाथ मंदिर का स्वामी नहीं बनना चाहती, चाहती है तो मंदिर की सही देखरेख व वित्त पोषण : मुख्यमंत्री

  • दशहरा उत्सव का आयोजन सफलतापूर्वक न हो सके और इसके लिए अनेक जा रहे हैं षडयंत्र रचे : मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री द्वारा देवी देवताओं के नजराने में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा
मुख्यमंत्री द्वारा देवी देवताओं के नजराने में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा

मुख्यमंत्री द्वारा देवी देवताओं के नजराने में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा

शिमला: एक सप्ताह तक चला अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा आज हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया। मुख्यमंत्री वीरभद्र ने समापन समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर कुल्लू दशहरा समिति के अध्यक्ष व आयुर्वेद एवं सहाकारिता मंत्री कर्ण सिंह ने मुख्यमंत्री को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देवी देवताओं के नज़राने में पांच प्रतिशत बढोतरी की घोषणा की। उन्होंने उत्सव के दौरान स्थानीय देवी देवाताओं के साथ शामिल होने वाले बजंतरियों को 10 हजार रुपये की राशि प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दशहरा उत्सव में स्थानीय देवी देवताओं के साथ दूर दराज क्षेत्रों से आने-जाने वाले लोगों को प्रदेश सरकार सहायता उपलब्ध करवाने पर भी विचार करेगी। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि कुल्लू दशहरा कुछ कारणों से सही प्रकार से आयोजित न हो, परन्तु सभी जानते हैं कि दशहरे का आयोजन पारम्परिक तरीके से किया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियां बनाई जा रही हैं कि दशहरा उत्सव का आयोजन सफलतापूर्वक न हो सके और इसके लिए अनेक षडयंत्र रचे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय तथा धार्मिक परम्पराओं व उत्सवों में राजनीति नहीं की जानी चाहिए और किसी को ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि वह मंदिरों का मालिक है।

उन्होंने कहा कि प्राचीन मंदिर किसी की भी निजी संपत्ति नहीं है और वे केवल ऐसे मंदिरों के न्यासी व देखभालकर्ता ही हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार कुल्लू स्थित रघुनाथ मंदिर भी निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने सराहन भीमाकाली माता मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा कि सराहन स्थित इस मंदिर के लिए भी न्यास का गठन किया गया है और वे भी उस न्यास के एक सदस्य हैं। इसी प्रकार आपपास के क्षेत्र के अन्य मंदिरों को भी भीमाकाली ट्रस्ट के अधीन लाया गया है जिसके फलस्वप इनका वित्तपोषण होने के साथ सही देखभाल भी हो रही है।

उन्होंने कहा कि उपायुक्त कुल्लू को हाल ही में एक पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें एक व्यक्ति द्वारा अपने आपको को रघुनाथ मंदिर का स्वामी होने का दावा किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि पत्र लिखने वाला व्यक्ति जो पहले अपने आपको एक कारदार होने का दावा करता था अब स्वयं को इसका मालिक होने का दावा कर रहा है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक मंदिरों के स्वामी नहीं हो सकता है जिसमें कुल्लू घाटी के लोगों का विश्वास हो और मंदिर लोगों के होते हैं। उन्होंने कहा कि लोग व कारदार आए और गए परन्तु मंदिर सदा के लिए अपनी जगह पर स्थित है और सरकार चाहती है कि प्रदेश के प्राचीन मंदिरों का अच्छी प्रकार से संरक्षण व देख-रेख सुनिश्चित हो।

उन्होंने कहा कि सरकार रघुनाथ मंदिर का स्वामी नहीं बनना चाहती परन्तु मंदिर की सही देखरेख व वित्त पोषण चाहती है, ताकि इनका सृजन न्यास के गठन द्वारा किया जा सके और इसे मंदिरों के विकास पर खर्च किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोगों का जीवन स्थानीय देवी-देवताओं के ईर्द-गिर्द घूमता है और वे प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है। उन्होंने रीति-रिवाजों व संस्कृति के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया तथा कहा कि हमारी पहचान इन प्राचीन परम्पराओं व संस्कृति के कारण ही है। उन्होंने कहा कि जिस सभ्यता ने अपनी संस्कृति का सरंक्षण नहीं किया वह समाज कभी भी फल-फूल नहीं सकता है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कुल्लू दशहरा स्मारिका का विमोचन किया। उन्होंने राजीव गांधी डिजीटल योजना के अन्तर्गत प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लैप-टॉप के अतिरिक्त अन्य पुरस्कार भी वितरित किए। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने 4.10 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित राजकीय महाविद्यालय कुल्लू के अतिरिक्त खंड का लोर्कापण किया। उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत नवजात कन्याओं की माताओं को भी सम्मनित किया। उन्होंने कुल्लू में जिला विकलांग एवं पुनर्वास केन्द्र का भी उदघाटन किया।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि कांग्रेस पार्टी समान और संतुलित विकास में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि 1120 पटवारियों को प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया है। इसके अतिरिक्त, पटवारियों के 778 पद पहले ही भरे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में डायलेसिस सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी, जिससे लोगों को डायलेसिस के लिए मंडी तथा अन्य जिलों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपने आपको स्वस्थ आलोचना में शामिल करना चाहिए और उन्हें अपने कार्यकाल तथा वर्तमान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हो रहे विकास कार्यों के साथ तुलना करनी चाहिए।

इससे पूर्व आयुर्वेद एवं सहकारिता मंत्री कर्ण सिंह ने मुख्यमंत्री का कुल्लू जिला के दो दिवसीय दौरे के दौरान विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्सवों को स्थानीय राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए और सभी को एक जुट हो कर उत्सवों को सफल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपनी आंखे खोलकर प्रदेश में हुए समग्र विकास को देखना चाहिए और केवल आलोचना के लिए आलोचना नहीं की जानी चाहिए।

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