शिक्षण संस्थानों में अनुशासनहीनता नहीं होगी सहन : मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री से नैक दल की भेंट
  • हि.प्र. विश्वविद्यालय के अन्य परिसर के लिए 200 बीघा जमीन चिन्हित

शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से राष्ट्रीय आंकलन एवं प्रत्यायन परिसर (नैक) दल ने गत सांय भेंट की। मुख्यमंत्री ने नैक दल से चर्चा के दौरान कहा कि विश्वविद्यालय चुनावों के दौरान छात्र राजनीति के चलते होने वाली हिंसा व उत्पाद चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों में अनुशासहीनता सहन नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस बात से सहमत हैं कि विद्यार्थी नेताओं को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, परन्तु यह मैरिट के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह विद्यार्थियों के सीधे चुनावों का विरोध करते हैं, जिससे कई बार विश्वविद्यालय परिसर में दंगे व आशांति उत्पन्न होती है और विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होने के साथ-साथ शैक्षणिक वातावरण भी खराब होता है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि विद्यार्थी कार्यकारिणी का गठन मैरिट के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो अपने को पढ़ाई के लिए पंजीकृत नहीं करवाते, बल्कि विद्यार्थियों के बीच अपनी मौजूदगी से भय पैदा करना चाहते हैं और शैक्षणिक वातावरण का राजनीतिकरण करना चाहते है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में बढ़ती हिंसा शिक्षा प्रणाली के लिए खतरा पैदा कर रही है, जिसपर लगाम लगाने तथा इस दिशा में आवश्यक कदम उठाये जानी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे सेंट स्टीफन महाविद्यालय, दिल्ली के छात्र रहे हैं और उन्होंने कभी भी छात्र राजनीति में भाग नहीं लिया, हांलाकि वहां मैरिट के आधार पर निर्वाचित छात्र कार्यकारिणी होती थी।

मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में अनुशासन बनाए रखने का आह्वान किया तथा कहा कि अध्यापकों को विद्यार्थियों पर अपनी निजी विचारधारा थोपने का प्रयास नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए, हालांकि वे लोक सभा तथा विधानसभा चुनावों में वोट के लिए स्वतंत्र है। परन्तु वे राजनीति के उपदेशक नहीं हैं और न ही उन्हें शिक्षण संस्थानों में कोई राजनीतिक कार्यालय चलाने चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा कि शिक्षकों को विश्वविद्यालयों में राजनीति से बचना चाहिए और उन्हें केन्द्रीय विद्यार्थी चुनाव को लेकर कोई भी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें शिक्षण संस्थानों से राजनीति को अलग करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों को अपने राजनीतिक विचारधारा को एक ओर रखकर शिक्षण के सही मूल्यों को समझना चाहिए और विद्यार्थियों में अनुशासन सुनिश्चित बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में भय पैदा कर अनुशासन नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई अपने आप में ही अनुशासन की प्रक्रिया है और विद्यार्थियों को भी जीवन में अनुशासन के महत्व बारे सोचना चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्हें पढ़ाई का बहुत शौक था और राजनीति में शामिल होने की उनकी कोई भी इच्छा नहीं थी और वे दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बनने की इच्छा रखते थे और यदि लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें गांधी व जवाहर लाल नेहरू से न मिलाया होता तो वह राजनीतिक में न होते। उन्होंने कहा कि जब वे गांधी व पंडित नेहरू से मिले तो उन्हें कहा गया कि आप को महासू क्षेत्र से टिकट दिया जा रहा है। उन्होंने इस बात को हमेशा गोपनीय रखा और इस बात को अपने परिवार से भी सांझा किया। परन्तु एक दिन सभी को हैरानी हुई जब दूरदर्शन समाचार में उन्हें महासू लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित करने का समाचार प्रसारित हुआ और उस दिन से वे अच्छे व बुरे में कांग्रेस के साथ हैं और जब तक जीवित हैं, तब तक कांग्रेस के साथ रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर के लिए घणाहट्टी के निकट लगभग 200 बीघा जमीन चिन्हित की गई है, क्योंकि वर्तमान परिसर के विस्तार की बेहद कम संभावनाएं हैं। इस नए परिसर में नए छात्रावास, शिक्षा खण्ड का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 79 करोड़ से बढ़ाकर 90 करोड़ रुपये किया गया है और समय आने पर और वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए वचनबद्ध है, क्योंकि सरकार का विश्वास है कि शिक्षा से ही सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है और शिक्षा से एक सुदृढ़ व सशक्त राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत 45 महीनों के दौरान प्रदेश भर में 1010 नए स्कूल खोले व स्तरोन्नत किए हैं, जिससे अब प्रदेश में शिक्षण संस्थानों की संख्या 15500 हो गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 24 आईटीआई, 2 इंजीनियरिंग कालेज और 41 नए महाविद्यालय खोले गए हैं, जिससे अब प्रदेश में 115 महाविद्यालय हो गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीन महाविद्यालय खोले जा रहे है, जिनमें से सिरमौर जिला के नाहन में मेडिकल कालेज ने कार्य आरम्भ कर दिया है, जबकि हमीरपुर तथा चम्बा में शीघ्र ही नए कालेज अपना कार्य करना आरम्भ कर देंगे। उन्होंने सड़कों, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई तथा विद्युत क्षेत्रों सहित अन्य विकास कार्यों बारे जानकारी दी।

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