शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज श्री गुरू गोबिन्द सिंह की 350वीं जयन्ती पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में ऐतिहासिक रिज मैदान पर गुरू ग्रंथ साहिब की पवित्र पालकी का स्वागत किया। दो दिन तक चलने वाले इस समारोह का श्री गुरू सिंघ सभा शिमला तथा प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्तावधान में किया जा रहा है। गुरू ग्रंथ साहिब की शोभा यात्रा का शुभारम्भ उपायुक्त कार्यालय से हुआ।
वीरभद्र सिंह ने गुरू गोबिन्द सिंह की 350वीं जयन्ती पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें इस आयोजन में सभी धर्मों के लोगों के शामिल होने पर प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि गुरू गोबिन्द सिंह का पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के प्रति गहरा लगाव व प्यार था और उन्होंने सिरमौर जिला में यमुना नदी के किनारे सृजनात्मक एवं साहित्यिक लेखन कार्य किया था। उन्होंने कहा कि गुरू गोबिन्द सिंह जी बलिदान व त्याग के प्रेरणा स्रोत हैं, जिन्होंने मानवता व धर्म की रक्षा के लिए कार्य किया था। उन्होंने कहा कि हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनकी शिक्षाओं तथा उन द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गुरू गोबिन्द सिंह की शिक्षाएं आज के संदर्भ में भी प्रासंगिक है और हमें उन द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर देश को सुदृढ़ व सशक्त बनाने में कार्य करना चाहिए। उन्होंने न केवल समाज को अध्यात्मिक शिक्षाएं दी, बल्कि युद्ध क्षेत्र में साहस का परिचय दिया बलिदान के लिए प्रेरित किया और अपने बच्चों तक का बलिदान दिया। इस अवसर पर ऐतिहासिक रिज मैदान पर श्री गुरू गोबिन्द सिंह के जीवन परिचय व शिक्षाओं पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इसके अलावा अन्य आकर्षणों में पुलिस व आर्मी बैंड का प्रदर्शन, सिख लोगों द्वारा (मार्शल आर्ट गतका) का प्रदर्शन भी किया गया।