मुख्यमंत्री का हिंदी भाषा के प्रोत्साहन पर बल

  • हिंदी दिवस और राजभाषा पुरस्कार वितरण समारोह गेयटी थियेटर में
  • हिंदी भाषा के प्रोत्साहन के लिए आयोजित हिंदी पखवाड़ा संपन्न

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां गेयटी थियेटर में हिंदी दिवस एवं राजभाषा पुरस्कार समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा के शिक्षण एवं अध्ययन के बारे में जनमानस में जागरूकता उत्पन्न करना है। उन्होंने कहा कि हिंदी हमें भारतीय होने का गौरव का अनुभव करवाती है तथा यह केवल एक राष्ट्रीय भाषा ही नहीं बल्कि संवैधानिक भाषा भी है। वर्ष 1949 में स्व-शासन के लिए संवैधानिक निकाय ने हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाया था।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हिंदी भाषी राज्य है और राज्य सरकार ने वर्ष 1976 में कार्यालय के दैनिक कार्यों में हिंदी भाषा का प्रयोग करने के निर्देश जारी किए थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे कर्मचारियों को सम्मानित कर रही है जो कार्यालय कार्यों में हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा राज्य के शिक्षण संस्थानों में हिंदी भाषा के प्रोत्साहन के लिए कार्यशालाओं, संगोष्ठियों, सम्मेलनों इत्यादि का आयोजन कर रहा है। इसके अतिरिक्त विभाग समूचे राज्य में सचिवालय स्तर से कॉलेजों एवं स्कूलों सहित सरकारी कार्यालयों में हिंदी भाषा एवं साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए हिंदी में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी कर रहा है। वीरभद्र सिंह ने हिंदी के महत्व पर बल देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को राष्ट्रीय भाषा पर गर्व होना चाहिए तथा भाषा से अच्छी शब्दावली को अपनाकर अपनी भाषा शैली को समृद्ध बनाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को हिंदी के विकास एवं प्रोत्साहन के लिए एकजुट प्रयास करने का आह्वान किया, ताकि देश की एकता को और मजबूत किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस देश के पास अपनी भाषा, अपनी संस्कृति नहीं है वह राष्ट्र कभी समृद्ध नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हमें हिंदी राष्ट्र होने पर गर्व है और इसी के साथ हमारे देश के विभिन्न राज्यों में बोली तथा अपनाई जाने वाली सभी अन्य क्षेत्रीय भाषाओं पर भी गर्व है, लेकिन इन सबके बावजूद हिंदी हमारे देश की अधिकारिक भाषा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विद्यार्थियों एवं अन्य सरकारी कर्मचारियों को हिंदी राजभाषा पुरस्कार भी वितरित किए। उन्होंने इस अवसर पर एक स्मारिका तथा विभिन्न पुस्तकों के विमोचन भी किए।

सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स भी इस अवसर पर उपस्थित थीं तथा उन्होंने भी पुरस्कार वितरित किए। इससे पूर्व भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव अनुराधा ठाकुर ने हिंदी दिवस के महत्व तथा विभाग की अन्य गतिविधियों के अलावा हिंदी के प्रोत्साहन के लिए की जा रही पहल पर प्रकाश डाला।

कला, भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक शशि ठाकुर ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा उन्हें सम्मानित किया व इस दिवस के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने 2 सितम्बर से 14 सितम्बर तक हिंदी पखवाड़ा के दौरान हिंदी भाषा के महत्व एवं प्रोत्साहन के लिए आयोजित किए गए विभिन्न कार्यक्रमों का विवरण भी दिया।

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