रिकांगपिओ में किये जाएंगे एल.ई.डी. बल्ब वितरित, प्रत्येक एल.ई.डी. बल्ब की कीमत 65 रूपये प्रति बल्ब : अनुराग पराशर

5.15 करोड़ से अधिक परिवार अपने घरों को कर रहे हैं एलईडी बल्बों से रोशन

  • उजाला योजना के तहत अभी तक 15.45 करोड़ से भी अधिक एलईडी बल्ब बांटे गए

नई दिल्ली: सस्ते एल ई डी द्वारा उन्नत ज्योति (उजाला) कार्यक्रम को देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है और अभी तक 15.45 करोड़ से भी अधिक एलईडी बल्बों का इस कार्यक्रम के तहत वितरण किया गया है। 5.15 करोड़ से अधिक भारतीय परिवार इस कार्यक्रम से लाभान्वित हुए हैं और उन्होंने इन बल्बों से अपने घरों को रोशन किया है।

उजाला आवासीय क्षेत्र के लिए दुनिया का सबसे बड़ा प्रकाश उत्सर्जक डायोड (एलईडी) कार्यक्रम है। इस पहल को विद्युत मंत्रालय के एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, ऊर्जा दक्षता सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। यह योजना वर्तमान में 18 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित है। ईईएसएल आने वाले दिनों में इस योजना को पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भी लागू करेगी। शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना को लागू करने का निर्णय संबंधित राज्य सरकारों के पास लंबित है।

एलईडी बल्ब देश भर में नामित वितरण कियोस्क से प्राप्त किए जा सकते हैं जिसका विवरण www.ujala.gov.in पर उपलब्ध है। उजाला योजना के तहत एलईडी बल्बों का वितरण बाजार मूल्य के एक तिहाई मूल्य पर किया जा रहा है और इन बल्बों की गुणवत्ता भी बेहतर है और इन्हें तीन वर्ष की मुफ्त बदलने की वारंटी के साथ दिया जा रहा है। उजाला योजना के तहत उपभोक्ता इन एलईडी बल्बों को अग्रिम कीमत पर प्राप्त कर सकते हैं और उपभोक्ता प्रति एलईडी बल्ब अपनी बिजली के बिल पर हर साल लगभग 336 एलईडी बल्ब रुपये की बचत कर सकते हैं। इस प्रकार इस बल्ब की कीमत सिर्फ 3 महीने में ही वसूल हो जाती है। विद्युत मंत्रालय ने ऊर्जा दक्षता सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के माध्यम यह सुनिश्चित किया है कि आम आदमी को विभिन्न मंचों के माध्यम से इस योजना के बारे में जागरूक किया जाए है। यह योजना जिन राज्यों में संचालित है उनमें टेलीविजन, रेडियो और समाचार पत्र के रूप में परंपरागत मीडिया; होर्डिंग, संचार वैन, पोस्टर आदि के माध्यम से तथा वेबसाइट, सामाजिक मीडिया, मोबाइल एप्लिकेशन और माइक्रोसाइट जैसे डिजिटल मचों के माध्यम से इन बल्बों के वितरण के बारे में जागरूकता का प्रचार करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

भारत सरकार देश में सभी 77 करोड़ अक्षम बल्बों को हटाकर उनकी जगह एलईडी बल्ब लगाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे 20,000 मेगावाट लोड कम करने में मदद मिलेगी और प्रतिवर्ष 100 बिलियन किलोवाट घंटा की ऊर्जा बचत के साथ-साथ 80 मिलियन टन ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) की कटौती होगी।

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