सरकार सीमा से सटी सड़कों के विस्तार के लिए वचनबद्धः मुख्यमंत्री

  • रकछम में खोला जाएगा नया पटवार वृत

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जो जनजातीय जिला किन्नौर के तीन दिवसीय प्रवास पर हैं, ने आज सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण छितकुल-दुमती सड़क के स्तरोन्नयन एवं निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। तिब्बत की सीमा से सटी यह सड़क सैन्य बलों के लिए बड़ी मद्दगार होगी, विशेषकर सेना एवं भारत-तिब्बत सीमा पुलिस जिसकी सीमा के साथ 20 से अधिक चैकियां हैं। चीन सीमा की ओर दुमती में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की फ्रंट चैकियां हैं। 44.24 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली लगभग 20 किलोमीटर लम्बी यह सड़क रानी-कंडा से गुजरेगी।

छितकुल में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की चीन के साथ 220 किलोमीटर अन्तर्राष्ट्रीय सीमा लगती है तथा 140 किलोमीटर लम्बी किन्नौर जिले के साथ, जबकि 80 किलोमीटर सीमा जनजातीय जिला लाहौल-स्पिति से लगती हैै।

मुख्यमंत्री ने रकछम-छितकुल सड़क के कार्य में देरी पर चिंता जाहिर करते हुए कार्य की पुनःनिविदाएं आमंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दुमती सड़क का कार्य ऐसे ठेकेदार को दिया जाए, जो कार्य को तय समय सीमा के भीतर पूरा करे। उन्होंने कहा कि जो ठेकेदार सालों तक कार्य को लटकाकर रखते हैं, उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार सीमा से सटी सड़कों के सुदृढ़ीकरण को लेकर गम्भीर है, ताकि अत्यावश्यकता के दौरान सैन्य बलों को अच्छी स्थिति में रखा जा सके। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार ठंगी से कुन्नूू-चारंग 20 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है और अभी तक 14 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा किया जा चुका है तथा इसके निर्माण पर 28 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। शेष बची 6 किलोमीटर सड़क का निर्माण आगामी दिसम्बर अन्त तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोटा से दोगरी एक अन्य सड़क भी निर्माणाधीन है और इस सड़क के निर्माण पर 12.50 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है। इस सड़क के निर्माण से सेना तथा आईटीबीपी को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन सड़कों के निर्माण से सैन्य बलों की आवाजाही बढ़ेगी, जिससे चीन के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर अच्छे ढंग से निगरानी हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन की सीमा के साथ शिपकी-ला तक पहले ही सड़क का निर्माण किया जा चुका है। राज्य सरकार बिलासपुर-भानुपली-बिलासपुर-लेह रेल लाईन का मामला बार-बार केन्द्र सरकार से उठा रही है। निचले हिमाचल के मध्य से गुजरती हुई यह रेल लाईन सामरिक दृष्टि से बड़ी महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ भारतीय सेना को मद्दगार होगी तथा पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी। वीरभद्र सिंह ने पुराने लकड़ी के खम्बों तथा पुरानी तारों को बदलने के लिए हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड लि. के अधिकारियों को निर्देश दिए ताकि क्षेत्र के लोगों को अच्छी बोल्टेज एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने राजकीय उच्च पाठशाला छितकुल को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला स्तरोन्नत करने तथा छितकुल व रकछम के लिए रकछम में नया पटवार वृत खोलने की घोषणाएं कीं।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने खडोगला नाले पर 1.15 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 100 फुट बैली पुल का लोकार्पण किया। इस पुल के निर्माण से सांगला से रकछम तथा छितकुल गांव के लिए आवाजाही बहाल हुई है। उन्होंने छितकुल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री ने छितकुल के लिए 3 करोड़ रुपये की मल निकासी योजना, कड़छम में 12.24 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले 66/22 के.वी. विद्युत उप-केन्द्र, जो कल्पा एवं पूह क्षेत्रों के 13 गांवों के 14000 लोगों को लाभान्वित करेगा तथा कम बोल्टेज की समस्या को हल करने के साथ निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान करने में मदद करेगा, की आधारशिलाएं रखीं।

विधानसभा उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत एवं सम्मान किया।

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