शिमला: प्रदेश कांग्रेस सरकार केन्द्र की विकास की गति के सामने टिक नहीं पा रही है। अक्षम नेतृत्व द्वारा भ्रष्ट संस्कृति को प्रोत्साहन देने के चलते प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी को लकवा मार गया है। अन्य राज्यों के मुकाबले हिमाचल विकास के हर पैमाने पर पूरी तरह से पिछड़ रहा है। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने प्रेस विज्ञप्ति कहा कि प्रदेश के वर्तमान हालत के लिए जिम्मेदार कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व से लेकर छुटभैये नेता अब अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए केन्द्र सरकार पर मिथ्या आरोपण कर रहे है। जबकि प्रदेश की जनता भी इस वास्तविकता से भली भान्ति परिचित है कि केन्द्र सरकार प्रदेश को अभूतपूर्व आर्थिक सहायता उपलब्ध करवा रही है। प्रो. धूमल ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं को केन्द्र सरकार के विरूद्ध अनर्गल व्यानबाजी व वेवजह आलोचना करने के बजाए केन्द्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करना चाहिए जिससे प्रदेश के विकास के लिए और अधिक धन मिल सके।
प्रो. धूमल ने भानुपल्ली-मण्डी-लेह रेलवे लाईन के सर्वे के कार्य के आरम्भ होने पर प्रशन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सामरिक महत्व की इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए जो प्रयास पूर्व भाजपा सरकार ने किए थे उन प्रयासों को आज घरातल पर उतरते देख कर प्रत्येक हिमाचलवासी मोदी सरकार के प्रति शुक्रगुजार है। लगभग 50,000 करोड़ रू. की अनुमानित लागत से बनने वाली इस रेलवे लाईन के निर्माण से देश की सीमाएं तो सुरक्षित होंगी ही वहीं प्रदेश के लिए यह परियोजना किसी वरदान से कम नहीं होगी। प्रो. धूमल ने कहा कि इस रेलवे लाईन के बनने से प्रदेश में पर्यटन को विस्तार मिलेगा और माल ढुलाई शीघ्र व सस्ती होने के कारण तथा बड़े बाजार की उपलब्धता के चलते फलों एवं वेमौसमी सब्जियों के व्यवसाय में अत्याधिक लाभ के चलते प्रदेश के किसानों में समृद्धता आएगी। बढ़ते ट्रैफिक के चलते सिकुड़़ते जा रहे सड़क मार्गों को इस परियोजना के बनने से राहत तो मिलेगी साथ में प्रदेश के पर्यावरण की भी रक्षा होगी। रेलवे लाईन के निर्माण में भारी निवेश के चलते रोजगार के हजारों अवसर पैदा होगें। प्रदेश के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से यह परियोजना महत्वपूर्ण साबित होगी।
प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश में बनने वाले नये 56 राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में तेजी लाने के दृष्टिगत केन्द्र सरकार ने प्रदेश सरकार को इनकी डीपीआर तैयार करने के लिए अधिकृत कर दिया है। अब प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह तत्परता दिखाते हुए इन परियोजनाओं की डीपीआर व अन्य औपचारिकताएं शीघ्र पूरी करके केन्द्र सरकार को भेंजें ताकि जल्दी ही इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर कार्य आरम्भ हो सके।