नई दिल्ली: विश्व बैंक ने हाल में लॉजिस्टिक्स कुशलता सूचकांक (एलपीआई) 2016 रिपोर्ट जारी की है। इसका शीर्षक है ‘कनेक्टिंग टू कम्पलीट 2016’। विश्व बैंक प्रत्येक दूसरे वर्ष लॉजिस्टिक्स कुशलता सूचकांक प्रकाशित करता है। भारत अब 160 देशों में 35वें स्थान पर है। 2014 में भारत एलपीआई रैंकिंग में 54वें स्थान पर था। यह 19 स्थानों की छलांग है। एलपीआई के 6 मानकों- कस्टम, अवसरंचना, पोत लदान, लॉजिस्टिक्स गुणवत्ता, सक्षमता तथ ट्रेकिंग, ट्रेसिंग और समय के संदर्भ में भारत की रैंकिंग क्रमशः 38,36,39,32,33 और 42 है।
एलपीआई एक सक्रिय मानक निर्धारण उपाय है। इसका उद्देश्य व्यापार लॉजिस्टिक्स में कुशलता प्राप्ति में आने वाली चुनौतियों तथा अवसरों को पहचानने में देशों की मदद करना है और यह बताना है कि देश अपनी कुशलता बढ़ाने के लिए क्या कर सकते हैं।
एलपीआई हितधारकों के विश्वव्यापी सर्वेक्षण पर आधारित है। यह सूचकांक देशों में लॉजिस्टिक्स सहजता का फीडबैक देता है। इसमें हितधारियों के कारोबारी देशों के बारे में व्यापक जानकारी होती है और हितधारक वैश्विक लॉजिस्टिक्स वातावरण का अनुभव करते हैं। हितधारकों से प्राप्त फीडबैक को पूरक रूप कार्य देश में लॉजिस्टिक्स श्रृंखला के विभिन्न मानकों के विश्लेषण से दिया जाता है।
लॉजिस्टिक्स कुशलता सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार से यह स्थापित होता है कि हम वैसे मैन्युफेक्रचरिंग तथा व्यापार में स्पर्धी हैं जो मेक इन इंडिया कार्यक्रम के प्रेरक के रूप में भी कार्य करते हैं।