हिमाचल: सत्ती बने छठे वित्त आयोग के अध्यक्ष

रूसा के नाम पर प्रदेश सरकार लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ कर रही खिलवाड़ : सत्ती

शिमला: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि रूसा के नाम पर प्रदेश सरकार लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलबाड़ कर रही है। विद्यार्थियों के साथ हो रहे इस अन्याय को भाजपा कदापि सहन नहीं करेगी और इस मामले में आन्दोलनरत विद्यार्थियों के साथ भाजपा कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। रूसा प्रणाली के पूरी तरह से असफल होने के चलते भाजपा की सरकार बनने पर रूसा को हटाकर छात्रों को राहत प्रदान करेगी।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की शैक्षणिक वातावरण में आई गिरावट के लिए कांग्रेस सरकार विशेषकर शिक्षा मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जिम्मेदार हैं। चन्द वोटों के खातिर विभिन्न जगहों पर कॉंलेज तो खोल दिए परन्तु स्टॉफ व अन्य व्यवस्थाएं खड़ी नहीं कर पाने के कारण छात्रों का भविष्य अन्धकारमय कर दिया है। पहले माध्यमिक शिक्षा में खराब परिणाम व अब उच्च शिक्षा में खराब परिणामों ने सरकार की शिक्षा नीति की कलई खोल दी है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बिना सोचे समझे प्रदेश में रूसा लागू करने का दुषपरिणाम यह हुआ है कि प्रदेशभर के कॉलेजों में प्रथम समैस्टर के परिणामों में 93 प्रतिशत छात्र विभिन्न विषयों में फेल है और पूर्नमुल्याकन की सुविधा न होने की वजह से छात्र और अभिभावक दोनों परेशान है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि रूसा के अन्तर्गत समैस्टर सिस्टम एवं सीबीसीएस ¼Choise based credit system) को प्रदेश में लागू करना आवश्यक नहीं था बावजूद पूर्व समीक्षा किए बिना इसको लागू करके कांग्रेस सरकार ने छात्रों के साथ अन्याय किया। इससे भी अधिक दुःखद पहलू यह है कि रूसा प्रणाली के पश्चात प्रदेश के छात्रों की डिग्रियों को अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में मान्यता नहीं मिल रही है। इसके चलते पंजाब, दिल्ली व अन्य राज्यों में हिमाचली छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए दाखिला नहीं मिल पा रहा है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि रूसा शैक्षणिक उत्थान और कॉलेजों के आधारभूत ढांचे के विकास के अपने दोनों ध्येयों में असफल साबित हुई है। 93 प्रतिशत छात्रों का फेल होना शैक्षणिक प्रणाली फेल होने को दर्शाता है वहीं रूसा के तहत 20 छात्रों के ऊपर एक अध्यापक, स्मार्ट कलाशिज़ व कॉलेज कैम्पसों के आधारभूत ढॉंचे के विकास को लेकर प्रदेश सरकार असफल साबित हुई है। सरकार को अपनी नाकामी के लिए विद्यार्थियों से क्षमा मांगनी चाहिए।

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