कृषिगत शिक्षा और अनुसंधान में भारत-इंडोनेशिया के द्विपक्षीय सम्बंधों की वृहद संभावनाएं

  • इंडोनेशियाई सांसदों के शिष्‍टमंडल के साथ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री राधा मोहन सिंह की बैठक

नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि भारत और इंडोनिशिया कृषि में मिलकर काम कर रहे हैं और दोनों देशों का मानना है कि इस क्षेत्र में साथ काम करने की असीम संभावनाएं हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया की अर्थव्‍यवस्‍था मोटे तौर पर कृषि आधारित है, इसलिए कृषिगत शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में की गई प्रगति को देखते हुए हुए दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का वृहद परिदृश्‍य मौजूद है। राधा मोहन सिंह ने यह बात आज कृषि भवन, नई दिल्ली में आयोजित इंडोनेशिया की ग्रेट मूवमेंट पार्टी के शिष्टमंडल के साथ हुई बैठक में कही। इंडोनेशिया के 15 सदस्यों वाले शिष्टमंडल की अगुवाई वहां के सांसद एच. अहमद मुज़ानी कर रहे थे।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि भारत ने कृषि तथा सम्बद्ध क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है जिससे खाद्यान्नो में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है और इससे न केवल इस देश की 125 करोड़ से अधिक की आबादी की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है बल्कि इसने अत्यधिक आवश्यक्ता वाले अन्य देशों की खाद्यान्न की आपूर्ति पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को भी पूरा किया है

दोनों पक्षों ने भारत और इंडोनेशिया के बीच आर्थिक और राजनैतिक संबंधों को नये आयाम पर पहुंचाने पर जोर दिया। भारत और इंडोनेशिया ने 2008 में कृषि के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए थे और भारत और इंडोनेशिया के संयुक्‍त कार्य समूह की तीसरी बैठक का आयोजन 18-19 नवंबर, 2015 को हुआ था। भारत और इंडोनेशिया जी-20 जैसे अंतर्राष्‍ट्रीच मंचों पर भी साझा जिम्‍मेदारी निभा रहे हैं।

भारत तथा आसियान ने 13 अगस्‍त, 2009 को विस्‍तृत आर्थिक सहयोग करार (सीईसीए) की व्‍यापक फ्रेम वर्क के तहत उत्‍पाद व्‍यापार करार पर हस्‍ताक्षर किए हैं। करार दिनांक 1 जनवरी, 2010 से सभी आसियान सदस्‍य देशों तथा भारत के बीच पूर्ण रूप से लागू हो गया है।

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