नमामि गंगे परियोजनाओं को 295 करोड़ रुपए की मंजूरी

राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन और इंडियन ऑयल के बीच आशय समझौता

  • उमा भारती ने वृंदावन में 40 करोड़ रूपये की लागत के एसटीपी का किया शिलान्‍यास

नई दिल्ली: आज राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन और इंडियन ऑयल के बीच हुए आशय समझौते से देश में अपशिष्‍ट जल के औद्योगिक उपयोग की एक नई शुरूआत हुई। आज वृंदावन में 40 करोड़ रूपये की लागत से मथुरा में बनने वाले एसटीपी का शिलान्‍यास करते हुए केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा है कि इस नई शुरूआत से देश में अपशिष्‍ट जल का नया और विस्‍तृत बाजार बनेगा। उन्‍होंने बताया कि मथुरा में लक्ष्‍मीनगर से गोकुल बराज तक 9 किलोमीटर पाइपलाइन के जरिए इस अपशिष्‍ट जल को मथुरा तेल शोधन संयंत्र के उपयोग के लिए ले जाया जाएगा। इस संबंध में राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन और इंडियन ऑयल कॉर्पोशन के बीच आज वृंदावन में एक आशय समझौते पर भी हस्‍ताक्षर हुए।

भारती ने कहा कि राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिश्‍न द्वारा अपनाये जाने वाल हाईब्रिड एन्‍यूटी मोड की मदद से वर्ष 2018 तक मथुरा-वृंदावन में यमुना की शक्‍ल एकदम बदल जाएगी। उन्‍होंने कहा कि दिल्‍ली से मथुरा-वृंदावन तक जाने वाले यमुना के प्रदूषित जल को रोकने के हर प्रयास किए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि सिंचाई के क्षेत्र में नई प्रेशर प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल से गंगा- यमुना के 60 प्रतिशत पानी की बचत की जा सकेगी, जिसका उपयोग नदी के प्रवाह को बनाए रखने में किया जाएगा। उल्‍लेखनीय है कि पिछली 7 जुलाई, 2016 को राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन ने मथुरा में 17 घाटों और 3 शवदाहगृहों के निर्माण का काम शुरू किया था। मथुरा में यमुना की सतह की सफाई के लिए एक ट्रेश स्‍कीमर भी लगाया गया है।

समारोह को केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर 300 महिलाओं को उज्‍ज्‍वला स्‍कीम के तहत खाना पकाने की गैस के कनेक्‍शन भी दिए गए।

 

 

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