शिमला: जे.पी. नड्डा ने हिमाचल प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित योजनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में केंद्र द्वारा अनुमोदित योजनाओं के क्रियान्वयन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने हिमाचल सरकार को स्वास्थ्य एवं दूसरी सभी योजनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए आग्रह किया है। उन्होंने हिमाचल में स्थापित होने वाले एम्स और दूसरी जन स्वास्थ्य से सम्बन्धित योजनाओं पर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग को दोहराते हुए प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार की तरफ से पूर्ण सहयोग का भी आश्वासन दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को इन सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए हाल ही में एक चिट्ठी भी लिखी है। नड्डा ने जानकारी देते हुए बताया कि यद्यपि केंद्र सरकार ने बहुत-सी जन स्वास्थ्य से संबंधित परियोजनाएं अनुमोदित की हैं लेकिन राज्य सरकार की तरफ से बहुत ढुलमुल कार्रवाई की जा रही है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की एक ब्रांच 10 करोड़ की लागत की एक विश्वस्तरीय ब्रांच शिमला में खोलने का प्रस्ताव है लेकिन इस परियोजना हेतु भूमि का आवंटन हिमालच सरकार के स्तर पर लंबित है।
उन्होंने आगे बताया कि जिला अस्पताल हमीरपुर और चम्बा के साथ जुड़े मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हेतु अभी तक भूमि का चयन और उसका हस्तांतरण भी लंबित है। जबकि केंद्र सरकार ने इन दोनों में से प्रत्येक कॉलेज के लिए 189.00 करोड़ रू. की धनराशि चिह्नित कर रखी है। प्रेस को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला में सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के शीघ्र निर्माण हेतु 62.55 करोड़ रू. का टेंडर आवंटित हो चुका है लेकिन प्रदेश सरकार के स्तर पर निर्माण हेतु उन्होंने भूमि अभी तक हस्तांतरित नहीं की है जिसके कारण यह परियोजना भी शुरू नहीं हो पा रही है। सेंट्रल ड्रग कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की तरफ से हिमाचल सरकार को बद्दी में सब-जोनल ऑफिस और ड्रग टेस्टिंग लेबोरेट्री 10 करोड़ रू. की लागत से बनाना भी प्रस्तावित है। जिसके लिए हिमाचल सरकार से तुरन्त भूमि उपलब्ध कराने की मांग की गई है। केंद्रीय मंत्री ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि उनके मंत्रालय ने हिमाचल सरकार की 30 करोड़ रू. की लागत से बनने वाले सेंटर ऑफ एक्ससेलेंस (सीओसी) फॉर मेंटल हैल्थ का प्रस्ताव भी भेजा है और हिमाचल प्रदेश सरकार से प्रस्ताव वांछित है। इसी प्रकार राष्ट्रीय वरिष्ठ जन स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा में जराचिकित्सा केंद्र भी अनुमोदित किया है और राज्य सरकार को इस परियोजना को अपनाने और एमओयू हस्ताक्षर हेतु आग्रह किया गया है।
नड्डा ने यह भी बताया कि उनके मंत्रालय केवल हिमाचल प्रदेश के लिए 15 अमृत फार्मेसी खोलने का प्रस्ताव दिया है जो इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा और सभी जिला अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। इन अमृत फार्मेसी केंद्रों से उच्चस्तरीय दवाएं इम्प्लांट और शल्च चिकित्सा से संबंधित उपकरण बहुत ही कम दामों पर मरीजों को उपलब्ध कराए जाएंगे। यह योजना गंभीर रोगों जैसे दिल की बीमारी, कैंसर और दूसरे जानलेवा रोगों से ग्रसित लोगों को बहुत राहत पहुंचायेंगी लेकिन यह तभी संभव है जब राज्य सरकार इन सभी 15 स्थानों पर पर्याप्त स्थान उपलब्ध करवा पाएगी। नड्डा ने हिमाचल सरकार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा घोषित 56 नए राष्ट्रीय मार्ग जिनकी लंबाई लगभग 3760 किमी होगी, की डीपीआर शीघ्र तैयार करने का आग्रह किया। यह विस्तृत जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन सभी योजनाओं के क्रियान्वयन से इस छोटे से पहाड़ी राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी क्योंकि इनके कार्यान्वयन से जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ होंगी, वहीं दूसरी ओर अधोसंरचना में अप्रत्याशित सुधार होगा।