मुख्यमंत्री ने बिलासपुर में एम्स के लिए शीघ्र वन स्वीकृतियां प्रदान करने की उठाई मांग

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  • मेडिकल कालेज नेरचैक के लिए उपकरणों की मांग
  • बिलासपुर में एमसीएच तथा घुमारवीं में 50 विस्तरों के अस्पताल के लिए शीघ्र स्वीकृति की मांग

शिमला: बिलासपुर में स्थापित किये जाने वाले एम्स सहित स्वास्थ्य से सम्बंधित अन्य अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से भेंट कर विचार-विमर्श किया।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि बिलासपुर में स्थापित किये जाने वाले प्रतिष्ठित संस्थान एम्स के लिए राज्य सरकार ने 1200 बीघा भूमि का चयन किया है, जिसमें से लगभग 750 बीघा गैर-वन भूमि संस्थान के नाम हस्तांतरित कर दी है। उन्होंने यह भी अवगत करवाया कि शेष 450 बीघा भूमि की वन-स्वीकृति का मामला भारत सरकार के विचाराधीन है, जिसमें उनके हस्तक्षेप की आवश्यकता है, ताकि इस संस्थान पर शीघ्र आगामी कार्यवाही की जा सके।

मण्डी के नेरचैक में निर्मित लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज भवन को राज्य सरकार के अधीन लेने के लिए अभी हाल ही में हस्ताक्षरित किये गये समझौता ज्ञापन ;डवन्द्ध का उल्लेख करते हुए, मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री अवगत करवाया कि इस कालेज में वर्ष 2017 के शैक्षणिक सत्र से कक्षाएं आरम्भ की जानी हैं, जिसके लिए आवश्यक उपकरणों सहित अन्य सुविधाओं की आवश्यकता है। उन्होंने आग्रह किया कि इस मेडिकल कालेज को उच्च स्तरीय बनाने के लिए केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने यह भी अवगत करवाया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 से आगामी 5 वर्षों के लिए इस कालेज भवन की एवज़ में 285 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए वचनबद्ध है, परन्तु सीमित संसाधनों के कारण इस मेडिकल कालेज को सुचारू रूप से चलाने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से वित्तिय सहायता की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा बिलासपुर में स्थापित किये जाने वाले मातृ-शिशु स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र ;डब्भ्द्ध तथा घुमारवीं में 50 बिस्तरों वाले अस्पताल के लिए केन्द्र को भेजे प्रस्तावों पर भी केन्द्रीय मंत्री से विचार-विमर्श किया तथा आग्रह किया कि इन प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृतियां प्रदान की जाए, ताकि स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रदेश को और अधिक धनराशि उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश के उच्च अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबन्ध निदेशक से पहले ही बैठक की जा चुकी है। नड्डा ने हिमाचल प्रदेश राज्‍य को पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्‍वासन दिया।

प्रदेश के नाहन, हमीरपुर तथा चम्बा में स्थापित किये जाने वाले मेडिकल कालेजों की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा करते हुए, मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करवाया कि नाहन में स्थापित डा. वाई.एस. परमार मेडिकल कालेज में इसी सितम्बर माह से कक्षाएं आरम्भ करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं तथा प्राध्यापकों व अन्य स्टाफ की नियुक्तियां भी कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि चम्बा व हमीरपुर में स्थापित होने वाले मेडिकल कालेज भवनों पर भी कार्य प्रगति पर है तथा हमीरपुर में बनने वाले नये मेडिकल कालेज भवन के लिए वन स्वीकृति प्रदान करने का मामला केन्द्र सरकार को भेजा गया है, जिसमें उनके हस्तक्षेप की आवश्यकता है। मुख्य सचिव वी.सी. फारका ने शिमला आई.जी.एम.सी. में 150 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाले ‘सुपर स्पेशियलिटी वार्ड‘ संख्याः 821/2016-पब की स्थापना तथा बालूगंज के मानसिक चिकित्सालय के समीप स्थापित होने वाले ‘नेशनल डिजिज सेन्टर‘ के कार्य में हुई प्रगति के बारे में अवगत करवाते हुए बताया कि इन प्रोजैक्टों को समय पर पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है तथा पर्यावरण सम्बंधी स्वीकृतियां प्राप्त करने के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे जा चुके हैं, जिसमें उनके सहयोग की आवश्यकता है।

 

 

 

 

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