शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के पूरी तरह से चरमराने से जंगल राज अपने चर्म पर है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश भर में अपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि से देवभूमि, धीरे-धीरे अपराध भूमि में तबदील होती जा रही है व समाजिक एवं अपराधिक तत्वों को राजनैतिक संरक्षण के चलते पुलिस प्रशासन माफियों के हाथों की कठपुतली बनकर रह गया है। योग्य व ईमानदार अधिकारी निरीह और लाचार होकर बिगड़ती कानून व्यवस्था को चुपचाप देख रहे हैं और हाथ बधें होने की वजह से कुछ नहीं कर पा रहे है।
प्रो. धूमल ने कहा कि हत्या, बलात्कार और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे संगीन अपराधों के आंकड़ों में दोगुनी से ज्यादा बृद्धि ने प्रदेश की छवि को कलंकित करके रख दिया है। मनाली में विदेशी महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं, मण्डी गोलीकाण्ड, धर्मशाला का कथित रेपकाण्ड, सीमाई क्षेत्रों में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी व चिटटा जैसे मादक पदार्थों के फलते फूलते व्यापर ने आम हिमाचली के जीवन को असुरक्षित कर दिया है। कानून व्यवस्था पर सरकार का नियंत्रण न के बराबर है, इसके विपरीत माफिया कानून व्यवस्था पर स्पष्ट तौर हाबी नजर आ रहे है। प्रो. धुमल ने कहा कि प्रदेश में सक्रिय विभिन्न माफिया सरकार पर किस कदर नियंत्रण बनाए हुए है इसका अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि किसी अपराधिक घटना के पश्चात अगर पुलिस अधिकारी कोई ठोस कार्यवाही करना चाहे तो यह निश्चित है कि माफियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही होने वजाए पुलिस अधिकारी का तबदाला तय है। यही वजह है कि खनन माफिया, वन माफिया और मादक प्रदार्थों के अवैध धन्धों ने प्रदेश में पूरी तरह से पैर प्रसार लिए है।