भांग को समाप्त करने के लिए राज्यव्यापी विशेष अभियान

शिमला: राज्य में नशे की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री की चिंता एवं निर्देशों की अनुपालना में राज्य सरकार भांग को नष्ट करने के लिए 22 अगस्त, 2016 से समूचे प्रदेश में एक व्यापक अभियान आरम्भ करेगी और यह अभिायन 15 दिनों तक चलेगा। यह बात मुख्य सचिव वी.सी. फारका ने राज्य में नशा खोरी की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने के संबंध में आज यहां आयोजित एक बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। अतिरिक्त मुख्य सचिव तरूण श्रीधर व मनीषा नन्दा, प्रधान सचिव आर.डी. धीमान, ओंकार शर्मा व अनुराधा ठाकुर, पुलिस महानिदेशक संजय कुमार, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक दिनेश मल्होत्रा, हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक हंस राज शर्मा तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

फारका ने निजी एवं सरकारी भूमि से भांग को समाप्त करने के लिए आरम्भ किए जा रहे अभियान में राज्य के सभी लोगों के सहयोग का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान जनहित में, विशेषकर युवाओं के कल्याण के लिए चलाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत भांग की खेती को नष्ट करके अथवा संबंधित उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, तहसीलदारों और एसएचओ जैसी नोडल एजेंसियों के माध्यम से इसका निदान किया जाएगा। उन्होंने विशेषकर वन, राजस्व, पुलिस तथा ग्रामीण विकास विभागों को मण्डलायुक्तों, उपायुक्तों तथा अन्य विभागों के सहयोग से 10 अगस्त, 2016 तक योजना तैयार करने के निर्देश दिए तथा रिपोर्ट कार्यान्वयन के लिए प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए पंचायती राज और सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग को विशेष अभियान तथा इसके उद्देश्यों के बारे राज्य के अन्तिम छोर तक लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने को कहा।

फारका ने नोडल विभागों को बद्दी क्षेत्र जहां यह समस्या गम्भीर रूप धारण कर रही है, में विशेष ध्यान देने तथा ऐसे क्षेत्रों का पता लगाने को कहा, जहां से नशीले पदार्थों की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने विधि विभाग को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम का अध्ययन करने तथा इसे और अधिक कठोर बनाने के लिए आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा।

मुख्य सचिव ने अभियान में तेजी लाने के लिए आम लोगों की भागीदारी तथा पंचायतों एवं पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त, युवक मण्डलों, महिला मण्डलों तथा एनएसएस एवं एनसीसी के स्वयंसेवकों को इसमें सम्मिलित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने समाज से कानून लागू करने वाली एजेंसियों को सही सूचना उपलब्ध करवाने में और अधिक सक्रियता का आह्वान किया ताकि नशे के बढ़ते खतरे को समाप्त किया जा सके ताकि युवाओं का भविष्य सुरक्षित एवं साफ-सुथरा हो। उन्होंने इस उद्देश्य में योगदान के लिए कार्पोरेट की सामाजिक जिम्मेवारी के अन्तर्गत मन्दिर अधिकारियों, शिक्षण संस्थानों तथा विद्युत परियोजनाओं इत्यादि की भागीदारी की संभावनाओं का पता लगाने तथा नशामुक्ति केन्द्रों की स्थापना करने को कहा।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *