बागवानी क्षेत्र का हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान : स्टोक्स

  • बागवानी मंत्री का अनुसंधान एवं विकास पर बल
  • ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए एक योजना आरम्भ
  • राज्य की पंचायतों से पांच बेरोजगार युवाओं को कटाई व छंटाई का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा
  • मधु मक्खी पालन पर उदार अनुदान के प्रावधान से फल फसलों के उत्पादन को भी मिलेगा बढ़ावा
  • वित्त वर्ष के दौरान 9 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र एंटी हेलनेट के अन्तर्गत लाया जाएगा
  • अधिकारियों को एंटी हेलनेट की खरीद के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश
बागवानी मंत्री विद्या स्टोक्स बागवानी विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए

बागवानी मंत्री विद्या स्टोक्स बागवानी विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए

शिमला : बागवानी मंत्री विद्या स्टोक्स ने आज यहां बागवानी विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि उभरती वैश्विक बाजार अवधारणा के साथ विकसित हो रहे बागवानी क्षेत्र में अद्यतन अनुसंधान एवं विकास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बागवानी क्षेत्र का हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान है तथा राज्य देश में बागवानी मॉडल के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य का एक तिहाई कृषि योग्य क्षेत्र बागवानी के अधीन है, जो अब बढ़कर 224354 हेक्टेयर तक पहुंच गया है।

स्टोक्स ने कहा कि समेकित बागवानी विकास मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2003 से लेकर अब तक 29520 लाख रुपये व्यय करके 222595 किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है। उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक तकनीक की सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से जल विकास, जल के कुशल उपयोग एवं वितरण की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विश्व बैंक के सहयोग से 1169.15 करोड़ की हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना का कार्यान्वयन कर रही है। इस योजना के अन्तर्गत बागवानी क्षेत्र में विकसित देशों से उच्च गुणवत्ता के सेब, नाश्पाती, पलम और आडू, चैरी के पौधे तथा इन फल पौधों के कनोलन रूट स्टॉक्स का आयात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अन्तर्गत 2.23 लाख पौधों का पहले ही आयात किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, 30 हजार पौधों का आयात बागवानी मिशन के अन्तर्गत किया गया है। उन्होंने पौधों के सही वितरण के लिए अधिकारियों से पहले से ही सुव्यवस्थित योजना तैयार करने के निर्देश दिए।

स्टोक्स ने कहा कि राज्य सरकार ने अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने के लिए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ आधार पर पावर स्पे्रयरों तथा पावर टिलरों की पिछली देनदारी की अदायगी के लिए इस वर्ष 10 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए एक योजना आरम्भ की गई है, जिसमें राज्य की पंचायतों से पांच बेरोजगार युवाओं को कटाई व छंटाई का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि प्रशिक्षण प्राप्ति के उपरान्त ये युवा अन्य बागवानों के बागीचों में भी कटाई-छंटाई कर अपनी आजीविका कमा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बेरोजगार युवाओं को मधु मक्खी पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्रीय प्रायोजित योजना में 80 प्रतिशत अनुदान प्रदान करने के लिए 40 प्रतिशत अतिरिक्त बजट प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मधु मक्खी पालन पर उदार अनुदान के प्रावधान से राज्य में फल फसलों के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।

बागवानी मंत्री ने कहा कि फल फसलों को बचाने के लिए वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 9 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र को एंटी हेलनेट के अन्तर्गत लाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को एंटी हेलनेट की खरीद के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। स्टोक्स ने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विभाग को सकारात्मक प्रयास करने को कहा तथा प्रशिक्षण शिविरों, कार्यशालाओं, खेतों में व्यवहारिक प्रदर्शन, प्रचार सामग्री, प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में किसानों में जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता पर बल दिया।

बागवानी विभाग के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखें। विभागीय निदेशक डी.पी. भंगालिया ने मंत्री तथा अन्यों का स्वागत किया। बागवानी विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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