शिमला: हि.प्र. मंत्रिमण्डल की आज यहां आयोजित बैठक में जल विद्युत नीति-2006 में कुछ बदलाव एवं संशोधन करने को स्वीकृति प्रदान की गई। ग्राम पंचायतों सहित विभिन्न विभागों से स्वीकृतियां /अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिये ऊर्जा उत्पादकों को अब प्रस्ताव संबंधित उपायुक्तों को प्रस्तुत करने होंगे।
परियोजना पूरी होने में हुए विलंब को माफ करने के लिये अनेक उप-नियम जोड़ें गए हैं, जिनमें अधिकार क्षेत्र में बदलाव को लेकर देरी, जहां उपयुक्त हो, राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड से स्वीकृतियां प्राप्त करने में देरी, विदेश मंत्रालय द्वारा शर्तों के संदर्भ (टीओआर) प्रदान करने में देरी, पर्यावरण तथा वन एवं सरकारी भूमि के परिवर्तन की स्वीकृतियां प्रदान करने में विलंब तथा स्थानीय लोगों/स्वेच्छिक संस्थाओं द्वारा विभिन्न मांगों तथा प्रबंधन को धमकियां देने के परिणामस्वरूप होने वाला विलंब इत्यादि शामिल हैं। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने की।