एकीकृत सैनिक सदन स्थापित करने का मामला केन्द्र सरकार से उठाया

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए प्रदेश में एकीकृत सैनिक सदन स्थापित करने का मामला केन्द्र सरकार के साथ उठाया गया ताकि यहां आधुनिक सुविधाओं से युक्त इन सदनों में बेहतरीन आवासीय सुविधा उपलब्ध हो सकें। प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने आज नई दिल्ली में आयोजित केन्द्रीय सैनिक बोर्ड की उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेते हुए यह मामला उठाया। इस बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर ने की।

हिमाचल प्रदेश में सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण व उनके परिवारजनों के कल्याण के लिए उठाये गए अनेक कदमों का विस्तृत व्यौरा देते हुए कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि इसमें प्रदेश में लगभग 18 सैनिक विश्रामगृह स्थापित हैं जिनकी मुरम्मत के लिए सरकार ने 2 करोड़ रूपए स्वीकृत किये हैं । उन्होंने कहा कि प्रदेश में आधुनिक सुविधाओं से युक्त और सैनिक सदनों के निर्माण की आवश्यकता है। उन्होंने अवगत करवाया कि प्रदेश सरकार ने सोलन, रोहड़ू तथा हमीरपुर में एकीकृत सैनिक सदन स्थापित करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है। उन्होंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि इन प्रस्तावों पर प्राथमिकता के आधार पर विचार किया जाए।

कर्नल धनीराम शांडिल ने प्रदेश में भूतपूर्व सैनिकों व उनके परिवारजनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने का मामला भी केन्द्र सरकार के साथ उठाया तथा आग्रह किया कि प्रदेश में और अधिक पोलीक्लीनिक खोले जाएं। उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से आश्वासन दिया कि पोलीक्लीनिक खोलने के लिए प्रदेश सरकार प्राथमिकता के आधार पर जमीन अथवा सरकारी भवनों की सुविधा उपलब्ध करवायेगी। उन्होंने सैनिकों के कल्याण के सम्बंध में अन्य अनेक मुद्दों पर भी चर्चा की।

प्रदेश में भूतपूर्व सैनिकों, उनकी विधवाओं तथा आश्रितों को दी जा रही सुविधाओं का उल्लेख करते हुए कर्नल धनीराम शांडिल ने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों अथवा उनकी विधवाओं की पेन्शन को बढ़ाकर 3000 रूपए प्रति माह किया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रदेश में भूतपूर्व सैनिकों के पुर्नवास व उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए प्रभावशाली कदम उठाये गए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि इस समय सभी सरकारी विभागों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए 15 प्रतिशत पद आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है जोकि देशभर में सर्वाधिक है।

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