राजनीतिक दल राष्‍ट्रीय हितों को हर चीज से ऊपर रखें : प्रधानमंत्री

  • नरेन्‍द्र मोदी ने कश्‍मीर की घटनाओं पर एक स्‍वर में बोलने पर दलों की सराहना की
  • अनंत कुमार ने कहा, सरकार जीएसटी विधेयक पर सभी दलों का सहयोग चाहती है

 नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से राष्‍ट्रीय हितों को किसी भी अन्‍य विचार से ऊपर रखने को कहा है। मानसून सत्र से पहले सरकार द्वारा आयोजित विभिन्‍न दलों के नेताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि हम लोगों और दलों दोनों का प्रतिनिधित्‍व करते हैं और राष्‍ट्रीय हितों को किसी भी अन्‍य विचार से ऊपर रखने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों को धन्‍यवाद दिया और कहा कि विभिन्‍न दलों ने कश्‍मीर की घटनाओं पर वक्‍तव्‍य दिए हैं जिनसे देश को लाभ पहुंचा है। इससे एक सही संदेश गया है और मैं इसके लिए सभी दलों को धन्‍यवाद देता हूं।मोदी ने कहा कि कल से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान जीएसटी विधेयक समेत महत्‍वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि सत्र के दौरान सार्थक विचार-विमर्श और परिणाम सामने आएंगे। जीएसटी लागू किए जाने को उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि किस सरकार को जीएसटी लागू करने का श्रेय मिलेगा, बल्कि महत्‍वपूर्ण बात विधेयक का पारित होना है।

संसद की बैठकों में वृद्धि करने के कुछ नेताओं के सुझावों पर प्रतिक्रिया जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस सुझाव का स्‍वागत करते हैं। उन्‍होंने नेताओं से उपलब्‍ध समय का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

संसद के दोनों सदनों में दलों के नेताओं की दो घंटे लम्‍बी बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संसदीय कार्य मंत्री श्री अनंत कुमार ने कहा कि यह बैठक बहुत सार्थक रही और सभी दलों ने संसद की कार्यवाही के सुचारु रूप से चलने की इच्‍छा जताई और इस बारे में अपना सहयोग देने का आश्‍वासन दिया। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने गुणों के आधार पर विधायी प्रस्‍तावों को समर्थन देने का आश्‍वासन दिया। मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार ने नेताओं को एक खुले दिमाग के दृष्टिकोण का भरोसा दिलाया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार आज की बैठक के दौरान विभिन्‍न दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर बहस का समर्थन करेगी और उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकार को एक उत्‍पादक सत्र की उम्‍मीद है।

अनंत कुमार ने यह जानकारी देते हुए कि सरकार जीएसटी विधेयक पारित होने के लिए सभी दलों का सहयोग चाहती है, इसे स्‍पष्‍ट किया कि इस बारे में सभी दलों के साथ सलाह-मशविरा किया जाएगा। उन्‍होने कहा कि सरकार के विधायी कार्य सूची में 16 विधेयक शामिल हैं, जिन्‍हें कल से शुरू होने वाले सत्र के दौरान प्रस्‍तुत किया जाएगा। इनमें अध्‍यादेशों की जगह लेने वाले तीन विधेयक शामिल हैं।

30 दलों के 45 नेताओं ने आज की बैठक में भाग लिया, जिनमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्‍त मंत्री अरुण जेटली, संसदीय मामले के राज्‍यमंत्री मुख्तार अब्‍बास नकवी और एस.एस. अहलूवालिया शामिल हैं।

मॉनसून सत्र के लिए सरकार द्वारा प्रस्‍तावित विधायी कार्य सूची में शामिल हैं:

  1. पेश किए जाने, विचार किए जाने एवं पारित किए जाने के लिए विधेयक :
  2. भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश, 2016 (एक अध्यादेश की जगह)
  3. दंत चिकित्‍सक (संशोधन) अध्यादेश, 2016 (एक अध्यादेश की जगह)
  4. विचार किए जाने एवं पारित किए जाने के लिए विधेयक

(क) लोकसभा में लंबित विधेयक

(I) भारतीय न्यास (संशोधन) विधेयक, 205 (राज्य सभा द्वारा किए गए संशोधनों के लिए सहमति)

(Ii) प्रतिभूति हित का प्रवर्तन एवं ऋण कानूनों की पुन: प्राप्ति और विविध

प्रावधान (संशोधन) विधेयक, 2016 (संयुक्त समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद)

(ख) राज्यसभा में लंबित विधेयक

(I) व्हिसल ब्लोअर संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2015

(Ii) प्रतिपूरक वनीकरण निधि विधेयक, 2016

(Iii) जैव प्रौद्योगिकी विधेयक के लिए क्षेत्रीय केंद्र, 2016

(Iv) संविधान (एक सौ बाइसवां संशोधन) विधेयक, 2014

(V) शत्रु संपत्ति (संशोधन और विधिमान्यकरण) विधेयक, 2016

(उपर्युक्त सभी विधेयक पहले से ही लोक सभा द्वारा पारित)

(Vi) बाल श्रम (निषेध एवं नियमन) संशोधन विधेयक, 2012

(Vii) होम्योपैथी केन्द्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2015

III. प्रस्‍तुत किए जाने वाले विधेयक

(I) उच्च न्यायालय (नाम परिवर्तन) विधेयक, 2016

(Ii) प्रौद्योगिकी संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2016

(Iii) राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी, विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2016

(Iv) दीवानी और आपराधिक कार्यवाही में डीएनए आधारित प्रौद्योगिकी का उपयोग एवं नियमन, गुमशुदा व्यक्तियों और मानव पहचान अवशेष विधेयक, 2016

  1. वित्तीय कार्य
  2. वर्ष 2015-16 के लिए अनुदान (सामान्य) पर चर्चा और अनुपूरक मांगों पर मतदान

 

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