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विभाग द्वारा प्रदेश में 18925 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित : डा. शांडिल

महिला एवं बाल विकास योजनाओं पर 404.47 करोड़ खर्चःडा. शांडिल

महिला एवं बाल विकास योजनाओं पर 404.47 करोड़ खर्चःडा. शांडिल

शिमला: महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष के दौरान 404.47 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. कर्नल धनीराम शांडिल ने यह जानकारी आज महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा रोहड़ू में पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों के लिए विभागीय योजनाओं की जानकारी एवं जागरूकता शिविर के उद्घाटन अवसर पर अपने सम्बोधन में दी।

उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रदेश में 18925 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं, जिसके अन्तर्गत प्रति वर्ष लगभग 4 लाख 40 हजार बच्चों व 1,576 गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है।

डा. शांडिल ने कहा कि रोहड़ू तहसील में विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत 3.15 करोड़ रुपये की राशि प्रतिवर्ष खर्च कर 3549 लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पेंशन के 500 नए मामले स्वीकृत किए गए हैं। आवास निर्माण योजना के तहत वर्ष 2016-17 के लिए 26 नए मामले स्वीकृत किए गए हैं, जिस पर 19 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे।

उन्होंने इस अवसर पर ‘बेटी है अनमोल’ योजना के तहत 26 नन्हीं बच्चियों को 10 हजार प्रति बेटी 2 लाख 60 हजार रुपये की राशि के चैक भी प्रदान किए।

उन्होंने ‘मुख्यमंत्री कन्यादान योजना’ के अन्तर्गत इन महिलाओं को 75 हजार रुपये की राशि के चैक भी प्रदान किए। उन्होंने अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत रोहड़ू क्षेत्र में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, लोक निर्माण तथा विद्युत विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य के तहत इस योजना में कुल चार में से तीन योजनाओं का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस वर्ष 1.83 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है, जिसके अन्तर्गत 18 सड़कों का कार्य चल रहा है। विद्युत विभाग द्वारा रोहड़ू सर्कल में उपयोजना के तहत 11 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों से इस उपयोजना के तहत किए जाने वाले कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने आज लम्बे समय से निर्माणाधीन अम्बेदकर भवन का भी औचक निरीक्षण किया तथा इसके शीघ्र निर्माण के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने रंताड़ी क्षेत्र का दौरा किया और विशेष रूप से साहसिक पर्यटन की दृष्टि से इस क्षेत्र के विकास के लिए सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखने का आश्वासन दिया।

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