कैबिनेट ने दी एनबीसीसी में 15 फीसदी विनिवेश को मंजूरी

कैबिनेट ने दी एनबीसीसी में 15 फीसदी विनिवेश को मंजूरी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने भारत सरकार की 90 फीसदी शेयरधारिता में से राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी) की 15 फीसदी चुकता (पेड अप) इक्विटी के विनिवेश को मंजूरी दे दी है। इसके परिणामस्‍वरूप सरकार को लगभग 1706 करोड़ रुपये की राशि प्राप्‍त होने का अनुमान है। हालांकि, प्राप्‍त होने वाली वास्‍तविक राशि इस बात पर निर्भर करेगी कि वास्‍तविक तौर पर विनिवेश के समय बाजार की स्थितियां और निवेशकों की दिलचस्‍पी किस तरह की रहती है।

विनिवेश से एनबीसीसी की शेयरधारिता का आधार और ज्‍यादा बढ़ जाएगा तथा इसके साथ ही विनिवेश राशि भी बढ़ जाएगी, जो विनिवेश नीति के अनुरूप उपयोग के लिए सरकार को प्राप्‍त होगी। एनबीसीसी के कर्मचारियों के बीच अपनेपन की भावना पैदा करने के लिए योग्‍य एवं इच्‍छुक कर्मचारियों को अतिरिक्‍त शेयर जारी करने का भी निर्णय लिया गया है। ये शेयर ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के निर्गम/प्राप्‍त (न्‍यूनतम कट ऑफ) मूल्‍य पर 5 फीसदी डिस्‍काउंट पर दिए जाएंगे।

पृष्‍ठभूमि:

  • एनबीसीसी का गठन शहरी विकास मंत्रालय के प्रशासकीय नियंत्रण के अधीन भारत सरकार के पूर्ण स्‍वामित्‍व वाले उद्यम के रूप में 5 नवंबर, 1960 को हुआ था, जिसका उद्देश्‍य निर्माण, इंजीनियरिंग और परियोजना प्रबंधन सलाहकार सेवाओं के क्षेत्र में एक अग्रणी कंपनी बनना रहा है।
  • 31 मार्च, 2016 को निर्गत एवं अभिदत्‍त इक्विटी पूंजी 120 करोड़ रुपये आंकी गई। भारत सरकार के पास 90 फीसदी इक्विटी अर्थात 54,00,00,000 शेयर हैं। एनबीसीसी के प्रत्‍येक शेयर का अंकित मूल्‍य 2 रुपये है। शेष 10 फीसदी इक्विटी आम जनता के पास है।
  • एनबीसीसी का आईपीओ (आरंभिक पब्लिक इश्‍यू) मार्च, 2012 में लांच किया गया था। उस समय भारत सरकार ने अपनी 100 फीसदी शेयरधारिता में से एनबीसीसी की 10 फीसदी चुकता इक्विटी पूंजी का विनिवेश किया था और कंपनी को स्‍टॉक एक्‍सचेंजों में सूचीबद्ध कराया था। शेयरों की बिक्री से धनराशि के तौर पर भारत सरकार को 124.97 करोड़ रुपये प्राप्‍त हुए थे।

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