जनवरी 2017 से नए पैटर्न पर होगी एचएएस परीक्षा

शिमला: राज्य लोक सेवा आयोग ने एचएएस परीक्षा को आईएएस पैटर्न पर आयेाजित करने सम्बन्धी सूक्ष्म पाठ्यक्रम के अंतिम प्रारूप को अपनाने का निर्णय लिया है, जिसे राज्य मंत्रिमण्डल ने गत सप्ताह अपनी स्वीकृति प्रदान की थी।

हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के.एस. तोमर ने आज यहां इस सम्बन्ध में आयोजित एक विशेष बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में आयोग के सभी सदस्य प्रदीप चैहान, आर.एस. नेगी और मान सिंह के अलावा आयोग के सचिव संजीव पठानिया, संयुक्त सचिव मनोज तोमर और उप सचिव त्रिलोक चैहान भी उपस्थित थे।

तोमर ने कहा कि आयोग ने नए पाठ्यक्रम के विभिन्न प्रश्न पत्रों, जिन्हें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और केन्द्रीय विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा अनुमोदित किया गया है, पर विस्तारपूर्वक चर्चा के उपरान्त स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि सैम्पल प्रश्न पत्रों सहित नये लघु पाठ्यक्रम को आयोग की वैबसाईट पर अपलोड किया गया है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के नए पैटर्न को अपनाना आयोग के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि को हासिल करने में राज्य सरकार का आयोग को सराहनीय एवं उत्साबर्धक सहयोग रहा है तथा नये पैटर्न को देश के अन्य राज्य लोक सेवा आयोग भी अपना सकते हैं।

तोमर ने कहा कि सैम्पल पेपरों का उद्देश्य उम्मीदवारों को नए पाठ्यक्रम के पैटर्न के बारे में जानकारी प्रदान करना है और वे एचएएस एवं सम्बद्ध संयुक्त सेवा परीक्षा में सफलता के लिए पूरी तैयारी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म पाठ्यक्रम का प्रारूप उम्मीदवारों एवं अन्य हितधारकों के सुझाव आमंत्रित करने के लिए 18 अप्रैल, 2016 को आयोग की वैबसाइट पर अपलोड किया गया था और इस सम्बन्ध में उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई, जो लाभदायी सिद्ध हुई। उन्होंने कहा कि आयोग ने सुझावों पर चर्चा की तथा महत्वपूर्ण सुझावों को अंतिम प्रारूप में शामिल किया।

अध्यक्ष ने कहा कि आयोग के सेवानिवृत्त सदस्य प्रो. जे.सी. शर्मा नए सूक्ष्म स्तर के पाठ्यक्रम के निर्माण में जुड़े थे और हि.प्र. विश्वविद्यालय व केन्द्रीय विश्वविद्यालय के 20 प्रौफेसरों की सहायता भी इस कार्य में ली गई। अनेक बैठकों एवं गहन विचार-विमर्श के उपरांत यह कार्य पूर्ण हो सका।

उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन तथा अभिक्षमता परीक्षा (एप्टीटयूड) प्रत्येक 200 अंकों के दो पेपर होंगे। अभिक्षमता परीक्षा के लिए कम से कम 33 प्रतिशत क्वालीफाईंग अंक निर्धारित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक परीक्षा की मैरिट सामान्य अध्ययन पेपर में प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर तैयार की जाएगी। सिविल सेवा प्रारम्भिक परीक्षा में भी यही पैटर्न है।

तोमर ने कहा कि मुख्य परीक्षा में अंग्रेजी और हिन्दी प्रत्येक 100 अंकों के पेपर होंगे, जिनमें कम से कम 40 प्रतिशत क्वालिफाईंग अंक होंगे। उन्होंने कहा कि सामान्य अध्ययन के प्रत्येक 200 अंकों के तीन पेपर होंगे, 100 अंकों का एक पेपर अंग्रेजी निबन्ध तथा वैकल्पिक विषयों के 200-200 अंकों के पेपर एक व पेपर दो होंगे। उन्होंने कहा कि साक्षात्कार 150 अंकों का होगा। इस प्रकार मुख्य परीक्षा कुल 1050 अंकों की होगी।

अध्यक्ष ने कहा कि नए प्रारूप को अपनाने से सभी संकायों के विद्यार्थियों को अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार अंक प्राप्त करने का न्याय संगत अवसर प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि अब 600 अंकों के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र मैरिट का निर्धारण करेंगे न कि वैकल्पिक प्रश्न पत्र, जो केवल 200 अंकों के होंगे। तोमर ने कहा कि नया एचएएस पैटर्न उन उम्मीदवारों को भी मद्दगार होगा, जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आयोग माडल पेपरों के निर्माण का कार्य कर रहा है, जिन्हें इच्छुक उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिए वैबसाईट पर अपलोड किया जाएगा।

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