कांग्रेस करे दावा कि उन्होनें मोदी सरकार के पास कोई योजना ऐसी भेजी हो जिसे स्वीकृत नहीं किया हो ? : प्रो. धूमल

शिमला: नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि कांग्रेस की चाल, चेहरे और चरित्र का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए मोदी सरकार द्वारा अथाह धनराशि उपलब्ध करवाए जाने के बावजूद धन्यवाद के दो शब्द तो दूर, कांग्रेस अहसान फरामोशी का परिचय देकर प्रदेश के साथ भेदभाव के नाम पर मोदी सरकार के विरूद्ध जनसभाओं का आयोजन कर रही है। प्रो. धूमल ने कहा कि किसी शायर ने ठीक ही कहा है –

जवानी में चाहे जोश न हो,

बातों मे चाहे होश न हो,

लाख नुक्स भले हो इनसान में,

पर वो अहसान फरामोश न हो’’

प्रो. धूमल ने कहा कि भाजपानीत केन्द्र सरकारों के कार्यकाल के दौरान ही हमेशा प्रदेश का विकास हुआ है और कभी भेदभाव हुआ है तो प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं के षड़यंत्र के चलते केन्द्र की कांग्रेस सरकारों के समय हुआ है। आज देश की जनता के सामने झूठ बोलकर गुमराह करने के बजाए कांग्रेस नेताओं को यह बताना चाहिए कि आखिर क्यों अटल जी द्वारा प्रदेश को दिया गया विशेष औद्योगिक पैकेज केन्द्र की पूर्व यूपीए सरकार ने हिमाचल से छीना? और क्यों कांग्रेस सरकार ने हिमाचल के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म कर दिया था ? कांग्रेस के भेदभावपूर्ण रवैये का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि 13वें वित्त आयोग के दौरान देश के अन्य राज्यों के बजट में 150 प्रतिशत तक बढ़ौतरी हुई, वहीं हिमाचल प्रदेश के मामले में यह वृद्धि मात्र 50 प्रतिशत की गई थी। प्रदेश के कांग्रेस नेता तब क्यों चुप थे जब विभिन्न विभागों को मिलने वाली केन्द्रीय सहायता में कट लगाया जाता था और प्रदेश के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया जाता रहा था।

प्रो. धूमल ने कहा भले ही कांग्रेसी जितने चाहे आरोप लगा लें पर मोदी सरकार ने पूर्व में हिमाचल के साथ हुए सारे भेदभावों को दरकिनार करते हुए मात्र दो सालों में प्रदेश के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए हजारों करोड़ रू. उपलब्ध करवाए हैं। जहां 14वें वित्तायोग में हिमाचल के बजट में 228 प्रतिशत की वृद्धि की गई वहीं रेल, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में केन्द्र द्वारा उपलब्ध करवाये जा रहे प्रचुर बजट की हकीकत से प्रदेश की जनता भली भांति वाकिफ है।

प्रो. धूमल ने चुनौती देते हुए कहा कि क्या आज कांग्रेस शपथ पत्र पर यह दावा कर सकती है कि उन्होनें मोदी सरकार के पास कोई योजना ऐसी भेजी हो जिसे मोदी सरकार ने स्वीकृत नहीं किया हो ? वास्तविकता यह है कि अयोग्य नेतृत्व के चलते अधिकारी भी शिथिल पड़ गए हैं और प्रदेश से विभिन्न योजनाओं की डी.पी.आर. केन्द्र को समय पर भेजी ही नहीं जा रही है। आज अपनी असफलताओं से घबराई कांग्रेस ढ़ोग के लिए भले ही मोदी विरोध कर लें परन्तु सत्य यह है कि कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को छोड़कर इन रैलियों से आम आदमी कांग्रेस की अहसान फरामोशिता के चलते मुंह मोड़ चुका है।

  • प्रो. धूमल ने कर्मचारियों के उत्पीड़न पर सरकार के रवैये की कड़ी निंदा

प्रो. धूमल ने कर्मचारियों के उत्पीड़न पर सरकार के रवैये की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कर्मचारियों की लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने की सामंती कोशिशें प्रदेशभर में हो रही हैं। भा.म.स. से सम्बन्ध रखने वाले कर्मचारियों को जानबूझ कर प्रताड़ित किया जा रहा है। जहां 24 लोगों को बहाल किया गया है वहां अन्य 6 लोगों को भी बिना किसी शर्त के बहाल किया जाना चाहिए।

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