शिमला: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में अघोषित आपातकाल चल रहा है। राजनीतिक आधार पर प्रदेशभर में कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे एच.आर.टी.सी. के हड़ताली कर्मचारियों को तुष्टिकरण की नीति के तहत प्रताड़ना का शिकार बनाया जा रहा है। विचारधारा विशेष से सम्बन्धित कर्मचारियों को चुन चुनकर बर्खास्त किया जा रहा है। केवल एच.आर.टी.सी. ही नहीं, प्रदेशभर में इस तरह के अनेकों मामले सामने आए हैं, भाजपा, प्रदेश सरकार के इस रवैये की कड़ी आलोचना करती है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के गिरते स्तर के लिए केवल अध्यापक नहीं बल्कि शिक्षा मंत्रालय का कार्य देख रहे मुख्यमंत्री व उच्च अधिकारी भी जिम्मेदार हैं। खराब रिजल्ट के लिए अध्यापकों को बर्खास्त करने के बयानो को देने के बजाए मुख्यमंत्री को अपने कार्यों का अवलोकन करना चाहिए। बिना बजट के स्कूलों को खोलने की घोषणाओं से प्रदेशभर के शैक्षणिक स्तर में गिरावट आई है। विद्यालयों में बुनियादी ढांचे के लिए बजट के अभाव में स्कूलों में आधा-अधूरा स्टाफ है। बच्चों के लिए वर्दियां नहीं है और पढ़ने के लिए कमरे और किताबें उपलब्ध नहीं है। उपर से तबादलों में कांग्रेसी हस्तक्षेप के चलते अध्यापक भय के वातावरण में है। ऐसे में केवल कर्मचारियों का उतपीड़न समस्या का समाधान नहीं है। समस्या शासकों की सोच में है, जहां वोटों की खातिर प्रदेश की शिक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री को अपनी इस असफलता को स्वीकार करते हुए त्यागपत्र देना चाहिए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मण्डी आई.आई.टी. के लिए 1466 करोड़ रू. के धन के प्रावधान के लिए केन्द्र की एन.डी.ए. सरकार को धन्यवाद व्यक्त किया है और कहा कि मोदी सरकार अपेक्षाओं से अधिक आर्थिक सहायता देकर प्रदेश में विकास की नई इबारत लिख रही है। 52 राष्ट्रीय उच्च मार्गों के लिए 60 हजार करोड़ रू. की व्यवस्था करने के पश्चात मण्डी आई.आई.टी. को राष्ट्रीय स्तर का शिक्षण संस्थान बनाने के लिए नरेन्द्र मोदी जी का प्रदेश की जनता हृदय से आभार व्यक्त कर रही है। कांग्रेस सरकार को जहां इसका धन्यवाद व्यक्त करना चाहिए था, वह इसके विपरीत केन्द्र सरकार के विरूद्ध धरने और रैलियां कर रही है, जो प्रदेश की जनता के साथ सरासर धोखा और कांग्रेस के चाल, चेहरे और चरित्र का परिचायक है।