एसजेवीएन ने की “क्या विकास और पर्यावरण साथ-साथ चल सकते हैं” विषय पर हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित

  • एसजेवीएन के अपर महाप्रबंधक बिजय प्रसाद ने की कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत
  • कार्यक्रम का उद्देश्य : मानव के लिए विकास जरूरी है लेकिन यह पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिए
  • बिजय प्रसाद ने गवर्नमेंट सीनियर सेकेण्डरी स्कूल भट़टाकुफर शिमला के विद्यार्थियों को किए पुरस्कार वितरित
  • हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता में कक्षा-12वीं की रूचि को 5000 रूपए का प्रथम पुरस्कार
  • 4000 रूपए का द्वितीय पुरस्कार कक्षा-12वीं की डिम्पल को, व 3000 रूपए का तृतीय पुरस्कार कक्षा-11वीं की मनीषा को
एसजेवीएन ने की “क्या विकास और पर्यावरण साथ-साथ चल सकते हैं” विषय पर हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित

एसजेवीएन ने की “क्या विकास और पर्यावरण साथ-साथ चल सकते हैं” विषय पर हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित

शिमला: एसजेवीएन द्वारा गवर्नमेंट सीनियर सेकेण्डरी स्कूल भट़टाकुफर शिमला में “क्या विकास और पर्यावरण साथ-साथ चल सकते हैं” विषय पर हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एसजेवीएन के अपर महाप्रबंधक बिजय प्रसाद ने गवर्नमेंट सीनियर सेकेण्डरी स्कूल भट़टाकुफर शिमला के विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण कर उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर गवर्नमेंट सीनियर सेकेण्डरी स्कूल भट़टाकुफर शिमला की प्रधानाचार्या शीतल चंदेल तथा एसजेवीएन लिमिटेड के राजभाषा अनुभाग की ओर से उप प्रबंधक (राजभाषा) नरेन्द्र कुमार मनकोटिया भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बिजय प्रसाद, अपर महाप्रबंधक ने कहा कि एसजेवीएन ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ-साथ अपने निगम के अपने सामाजिक दायित्वों को भी बखूबी निभा रहा है। निगम न केवल स्कूलों और कॉलेज के विद्यार्थियों की हिंदी संबंधी प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए उन्हें मंच प्रदान कर रहा है, बल्कि ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण, बिजली की बचत, डिजिटलाइजेशन और स्वच्छता जैसे मुद्दों के प्रति जागरूकता भी पैदा कर रहा है।

प्रतियोगिता में दिए गए विषय “क्या विकास और पर्यावरण साथ-साथ चल सकते हैं” विषय पर प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए जिनका उद्देश्य यह था कि मानव के लिए विकास जरूरी है लेकिन यह पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिए। पृथ्वी की सहन शक्ति की सीमा है, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। बिजय प्रसाद ने 5000 रूपए का प्रथम पुरस्कार कक्षा-12वीं की रूचि को, 4000 रूपए का द्वितीय पुरस्कार कक्षा-12वीं की डिम्पल को, 3000 रूपए का तृतीय पुरस्कार कक्षा-11वीं की मनीषा को तथा एक हजार के दो सांत्वना पुरस्कार क्रमश: नीतू, कक्षा 12वीं तथा कक्षा 9वीं के अमर सिंह को प्रदान किए गए।

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