सांसद का मुख्यमंत्री से आग्रह, चीन बार्डर के समीप बनने वाली सडक़ों के निर्माण कार्य में लाएं तेज गति

  • हिमाचल सरकार चीन बॉर्डर के साथ सडक़ का निर्माण तेज गति से करवाने में नाकाम साबित : रामस्वरुप शर्मा

शिमला: हिमाचल सरकार चीन बॉर्डर के साथ सडक़ का निर्माण तेज गति से करवाने में नाकाम साबित हुई है। केंद्र द्वारा सडक़ निर्माण के लिए थोक में धनराशि राज्य सरकार को जारी की है मगर राज्य सरकार कछुआ चाल से सडक़ें बना रही है। प्रैस को जारी बयान में सांसद एवं भाजपा के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामस्वरुप शर्मा ने किन्नौर के समीप चीन बॉर्डर का दौरा करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किन्नौर और बॉर्डर सडक़ के लिए 50 करोड़ और किन्नौर की अन्य सडक़ों की मरम्मत के लिए 25 करोड़ की राशि जारी की है। इतनी बड़ी रकम जारी होने के बाद भी चीन बार्डर पर सडक़ का निर्माण नहीं हो पाया तथा अभी भी करीब 45 किलोमीटर सडक़ बनना बाकी है। उन्होंने कहा कि वह किन्नौर के चीन बार्डर स्थित छितकुल आईटीबीपी पोस्ट और लंगपति आईटीबीपी चैक पोस्ट पर भी गए तथा वहां पर आईटीबीपी के जवानों से मिले।

सडक़ न होने के कारण बार्डर पर तैनात सैनिकों को अनेक प्रकार की समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं मगर इसके बावजूद भी जवानों के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से आग्रह किया है कि वह चीन बार्डर के समीप बनने वाली सडक़ों का निर्माण कार्य तेज गति से करवाएं ताकि बार्डर पर डयूटी देने वाले सैनिकों तक रसद सामग्री आसानी से पहुंच सके। किन्नौर में दूरभाष सुविधा चरमरा गई है तथा इसके लिए भी उन्होंने बीएसएनएल के आला अधिकारियों को दूरभाष व्यवस्था बहाल करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि किन्नौर में कई सडक़ें लंबे अरसे से बंद पड़ी है जिससे वहां के किसानों व बागवानों को अपना उत्पाद बाहरी राज्यों की मंडियों में पहुंचाने में दिक्कत हो रही है। पर्याप्त धनराशि होने के बावजूद भी उरनी ढांक को बहाल नहीं किया जा रहा है जो खेद की बात है। स्थानीय विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी साढ़े तीन साल में केवल ठेके दिलाने में व्यस्त हैं और किन्नौर की उन्हें कोई चिंता नहीं है। प्रदेश सरकार योजना बनाकर केंद्र को भेजे और केंद्र से उन योजनाओं के लिए वह धन दिलाएंगे। इस दौरे के दौरान पूर्व विधायक तेजवंत नेगी, करसोग के पूर्व विधायक हीरा लाल, तुलसी राम, स्थानीय पंचायत के उपप्रधान अरविंद कुमार भी मौजूद थे।

 

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