मुख्यमंत्री का मादक द्रव्य की समस्या पर अंकुश लगाने पर बल

  • मुख्यमंत्री का न्यायपालिका से मादक द्रव्य से जुड़े मामलों को प्राथमिकता व शीघ्रता से मामले निपटाने का आग्रह
  • गैर सरकारी संगठन व अन्य स्वयं सेवी संगठन नशा माफिया के खिलाफ खुल कर सामने आएं
  • कानून लागू करने वाली एजेंसियां अन्तर्राज्य मादक द्रव्य तस्करी पर लगाएं अंकुश

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने समाज विशेषकर युवाओं में बढ़ रही मादक द्रव्य सेवन की आदत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके कारण घरेलू हिंसा, बाल उत्पीड़न व यौन शौषण जैसे मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जिसे कड़ाई से रोकने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री आज ‘अन्तर्राष्ट्रीय ड्रग दिवस’ पर राज्य पुलिस तथा एयरटेल द्वारा प्रायोजित ‘नशामुक्त हिमाचल’ विषय पर ऐतिहासिक रिज मैदान पर समाज को नशे की बुराइयों के विरूद्ध जागरूक करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने देश में अवैध रूप से हो रहे मादक द्रव्यों की तस्करी से जुड़े लोगों से कड़ाई से निपटने पर बल दिया तथा कहा कि मादक द्रव्य की समस्या विश्वव्यापी है तथा भारत भी इस समस्या से अछूता नहीं है।

उन्होंने कहा कि अवैध मादक द्रव्य का व्यापार अपराधिक संगठनों को आकर्षित करता हैं क्योंकि इस व्यापार में भारी मुनाफे की क्षमता होती है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन दवा कम्पनियां का अवैध रूप से नशीली दवाओं के विक्रय में संलिप्त होना एक बड़ी गंभीर समस्या है, जिसे प्रभावी ढंग से निपटने की आवश्यकता है। उन्होंने नशीली दवाओं के नियंत्रण के लिए प्रभावी रणनीति अपनाने पर बल देते हुए कहा कि इनकी आपूर्ति व मांग में कमी लाकर संतुलन स्थापित किया जाना चाहिए क्योंकि मांग को घटाए बिना इस समस्या से निपटना मुश्किल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में नकदी फसलों की खेती में बढ़ौतरी व सड़क निर्माण में विस्तार से नशीली वस्तुओं की खेती पर नजर रखने में भी सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने न्यायपालिका से मादक द्रव्यों के व्यापार से जुड़े मामलों का तेजी व प्राथमिकता के आधार पर निपटारा सुनिश्चित बनाने का आग्रह किया ताकि मादक द्रव्य के व्यापार में जुड़े अन्य लोगों को भी सबक मिल सके। उन्होंने गैर सरकारी संगठनों व अन्य स्वयं सेवी संगठनों से ड्रग माफिया के खिलाफ खुले तौर पर आगे आने का आग्रह किया तथा कहा कि उन्हें समाज विशेषकर बच्चों को इस बुराई के खिलाफ जागरूक करने में अपना सहयोग देना चाहिए ताकि वे मादक द्रव्यों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक हो सके।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार नशाखोरी की समस्या से निपटने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि ड्रग रैकेट अक्सर संगठित होकर कार्य करते हैं और कानून लागू करने वाली एजेंसियों को अन्तर्राज्य ड्रग व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए कठोर पग उठाने चाहिएं।

उन्होंने बढ़ रही मादक द्रव्य के सेवन के खिलाफ समाज के सहयोग से समग्र रणनीति अपनाने पर बल दिया ताकि समाज से इस बुराई का समूल नाश सुनिश्चित हो सके। उन्होंने मादक द्रव्य से होने वाले नुकसान के प्रति विद्यार्थियों में जागरूक लाने के लिए स्कूलों में ड्रग पाठ्यक्रम शामिल करने का भी संकेत भी दिया तथा कहा कि इससे विद्यार्थियों में मादक द्रव्य के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता उत्पन्न होगी। इस अवसर पर हॉफ-मैराथन का भी आयोजन किया गया, जिसमें मादक द्रव्य के खिलाफ संदेश देने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने भाग लिया। इस दौरान नुक्कड़ नाटकों का आयोजन भी किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए।

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