कोरोना के क़हर से जनता में हाहाकार, बेपरवाह सरकार राजनीति में डटी हुई : अग्निहोत्री 

राज्य सरकार करेगी प्रत्येक जिले में खनिज संस्थान न्यास गठित

शिमला: खनन क्षेत्रों के प्रभावितों को सहायता एवं राहत प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश जिला खनिज संस्थान न्यास गठित करने का निर्णय लिया है। यह न्यास न केवल प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने का कार्य करेगा, बल्कि खनन प्रभावित क्षेत्रों का विकास एवं संरक्षण भी सुनिश्चित बनाएगा। इस न्यास के गठन से खनन गतिविधियों से प्रभावित लोगों के कल्याण और क्षेत्रों के विकास के लिए करोड़ों रुपये उपलब्ध होंगे।

उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश मंत्रिमण्डल ने 22 जून, 2016 को आयोजित बैठक में हिमाचल प्रदेश जिला खनिज संस्थान न्यास नियमों को मंजूरी प्रदान की है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के प्रत्येक जिले में जिला खनिज संस्थान न्यास की स्थापना करना है। अग्निहोत्री ने कहा कि यह न्यास गैर-मुनाफे वाली संस्था होगी, जिसकी अध्यक्षता जिला उपायुक्त करेंगे और वन अरण्यपाल, अधीक्षण अभियन्ता लोक निर्माण एवं सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक, खनन अधिकारी और चार जन प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे। न्यास की स्थापना खनन एवं खनिज संशोधन अधिनियम, 2015 की धारा-9, बी के अन्तर्गत की जाएगी।

उद्योग मंत्री ने कहा कि परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से ऐसे कुछ परिवार अथवा क्षेत्र हैं, जो खनन कार्य से प्रभावित हैं और उनका समुचित रूप से पुनर्वास आवश्यक है। ऐसे लोगों और क्षेत्रों के कल्याण एवं बेहतरी के लिए नियमों में प्रभावित परिवारों, विस्थापित परिवारों तथा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों को परिभाषित किया गया है, जो न्यास निधि के अन्तर्गत प्रमुख लाभार्थी होंगे। न्यास के पास आमदनी का स्थाई स्त्रोत होगा, जिसे प्रमुख खनिजों और लघु खनिजों के पट्टाधारकों से अलग-अलग दरों से वसूल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चूने का पत्थर प्रदेश का प्रमुख खनिज है, जबकि लघु खनिजों में रेत, बजरी और पत्थर आदि शामिल हैं।

अग्निहोत्री ने कहा कि चूना पत्थरों की खानों के लिए 12 जनवरी, 2015 के बाद दिए गए पट्टों पर प्रदान की जाने वाली 10 प्रतिशत रॉयल्टी को अतिरिक्त रूप से वसूल किया जाएगा, जिसे जिला खनिज संस्थान न्यास निधि में जमा किया जाएगा। इस अवधि से पूर्व चूना खानों के लिए दिए गए पट्टे के मामले में न्यास निधि में 30 प्रतिशत रॉयल्टी जमा करवाई जाएगी। ये शुल्क सरकार को दी जाने वाली रॉयल्टी से अलग होंगे। उन्होंने कहा कि लघु खनिजों के मामलों में भेजे जाने वाले खनिज पर 10 रुपये प्रति टन वसूल किए जाएंगे और न्यास के खाते में जमा होंगे। न्यास इस धन राशि को नियमों में परिभाषित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए व्यय करेगा और सीधे तौर पर प्रभावित क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से कम धन राशि खर्च नहीं होगी। अग्निहोत्री ने कहा कि न्यास निधि का 20 प्रतिशत तक हिस्सा परोक्ष रूप से प्रभावित लोगों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ देने के लिए किया जा सकता है। इसके अन्तर्गत परिवार की महिला प्रमुख को वार्षिक अथवा मासिक आधार पर नगद राशि वितरित करने का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि शेष धन राशि को खनन प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं में सुधार जैसे पेयजल योजनाओं, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण पर नियंत्रण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, शौचालय निर्माण, वृद्धों एवं शारीरिक रूप से अक्षम लोगों की देखभाल, आजीविका के लिए दक्षता विकास, सिंचाई योजनाओं, वर्षा जल संग्रहण प्रणाली अथवा क्षेत्र की पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण में सुधार की दिशा में किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए किया जा सकेगा। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कार्यों की वार्षिक योजना प्रत्येक जिला में उपायुक्त की अध्यक्षता वाली समिति स्वीकृत करेगी। यह समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि कार्यों का निष्पादन पारदर्शित के साथ हो और समिति लेखा एवं व्यय का रिकार्ड भी रखेगी।

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