- कम्बाइंड ग्रेजुएशन परेड में भारत में पहली बार महिला फाइटर पायलट शामिल
नई दिल्ली: हैदराबाद-सिकंदराबाद के बाहरी हिस्से में स्थित डुंडीगल वायुसेना अकादमी के कम्बाइंड ग्रेजुएशन परेड में आज उस वक्त इतिहास रचा गया जब भारतीय वायुसेना की पहली तीन महिला फाइटर पायलटों ने गर्वपूर्वक अपने फीतों और बिल्लों को हवा में लहराया। भारतीय वायुसेना की अग्रगामी सैन्य टुकडि़यां आकाश में फैल गईं और उन्होंने आसमान को तिरंगे से ढंक दिया। फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी, फ्लाइंग ऑफिसर भावना कंठ और फ्लाइंग ऑफिसर मोहना सिंह को राष्ट्रपति द्वारा कमीशन प्रदान किए जाने के साथ ही आज भारत विश्व के उन कुछ चुने हुए देशों में शामिल हो गया जिनकी वायु सेनाओं में महिला फाइटर पायलट हैं।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर इस भव्य समारोह में मुख्य अतिथि थे और उन्होंने कम्बाइंड ग्रेजुएशन परेड का निरीक्षण किया। वायुसेना प्रमुख चीफ मार्शल अरुप राहा, परमविशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, वायुसेना मेडल, सैन्यादेशवाहक, वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल एसआरके नायर अतिविशिष्ट सेवा मेडल, वायुसेना मेडल, मेंशन-इन-डिस्पैच, वायुसेना अधिकारी कमांडिंग इन चीफ, प्रशिक्षण कमान, एवं एयर मार्शल जी.पी. सिंह वायुसेना मेडल कमांडेंट वायुसेना अकादमी द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया। इस अति महत्वपूर्ण अवसर पर 22 महिला प्रशिक्षुओं समेत कुल 130 फ्लाइट कैडेटों को वायु सेना अकादमी, जिसने असाधारण नेताओं की कई पीढि़यां पैदा की हैं, द्वारा फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन प्रदान किया गया। यह वास्तव में 93 युवा पायलटों एवं 7 वायुयान चालकों के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण था, जिन्होंने अपने कठिन और श्रमसाध्य उड़ान प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद नौसेना के 9 अधिकारियों और तट रक्षा के एक अधिकारी समेत यह प्रतिष्ठित ‘विंग्स एंड ब्रेवेट’ अर्जित किया। माननीय रक्षा मंत्री ने उन फ्लाइंग अधिकारियों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किए, जिन्होंने अपने प्रशिक्षण में उत्कृष्टता हासिल की थी। फ्लाइंग ब्रांच के फ्लाइंग अधिकारी आदर्श हुड्डा को पायलट पाठ्यक्रम में समग्र प्रतिभा में प्रथम आने पर राष्ट्रपति के फलक और वायुसेना के प्रमुख ‘सोर्ड ऑफ ऑनर’ से पुरस्कृत किया गया। फ्लाइंग अधिकारी नरेन्द्र कुशवाहा और फ्लाइंग अधिकारी साहिल यादव को क्रमश: नेवीगेशन एवं ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में समग्र प्रतिभा में प्रथम आने पर राष्ट्रपति के फलक से सम्मानित किया गया।
इस भव्य समारोह के दौरान स्नातक करने वाले प्रशिक्षुओं के माता-पिताओं एवं विभिन्न सैन्य एवं नागरिक गणमान्य व्यक्तियों समेत सभी सम्मानित अतिथि मंत्रमुग्ध थे। वे स्नातक करने वाले प्रशिक्षुओं के भव्य परेड का अवलोकन कर प्रसन्न थे और एयर वैरियर्स ड्रिल टीम के शानदार मूवमेंट एवं अकादमी के ‘प्रेसिडेंट्स कलर्स’ के साथ ‘निशान टोली’ के मार्चिंग पास्ट से आह्लादित थे। परेड को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने इनके परेड के असाधारण मानक के लिए नये कमीशन प्राप्त ‘फ्लाइंग अधिकारियों’ को बधाई दी। पासिंग आउट कैडेट को शुभकामनाएं देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि ‘कम्बाइंड ग्रेजुएशन परेड का निरीक्षण करना और सैन्य लीडर के रूप में भारतीय वायु सेना में उत्कृष्ट पुरुषों एवं महिलाओं का स्वागत करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है।‘ बदलते भौगोलिक- राजनीतिक एवं रणनीतिक वातावरण और भारत के सामने मौजूद विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने युवा अधिकारियों से भारतीय वायुसेना के भविष्य के नेताओं के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ देने तथा त्वरित गति से नये वातावरण के अनुकूल ढलने के द्वारा इसे प्रदर्शन के नये उच्च स्तर तक ले जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि हमारा देश अपने सैन्य बलों को लगातार आधुनिक बनाने के एक रूपांतरकारी बदलाव से गुजर रहा है। उन्होंने उनसे अपने दायरे को व्यापक करने तथा वायु- अंतरिक्ष शक्ति की वास्तविक क्षमता का दोहन करने के लिए तेजी से उन्नत होती प्रौद्योगिकी के साथ कदम से कदम मिला कर चलने के लिए प्रेरित किया। सभी ब्रांच के उड़ान कैडेटों को ज्वाइनिंग के समय वायुसेना अकादमी में एक साथ उनको मूलभूत प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसका सबसे पहला उद्देश्य चुने हुए युवा प्रशिक्षुओं को सर्वोच्च स्तर के पेशेवर, बौद्धिक, शारीरिक एवं नैतिक योग्यता, राष्ट्र के लिए जीवन पर्यंत सेवा करने के समर्पण के साथ वायु योद्धा में रुपांतरित करना होता है।