जयराम सरकार के तीन साल कार्यक्रम में पढ़ा गया नड्डा का संदेश...

भारत सरकार ने दी नाहन मेडिकल कॉलेज को इसी शैक्षिक सत्र से शुरु किए जाने की अनुमति: नड्डा:

  • राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के अर्न्‍तगत हिमाचल प्रदेश के लिए 257 करोड़ रुपए अनुमोदित “ हिमाचल प्रदेश में जन-स्‍वास्‍थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध”
  • इससे राज्‍य में चिकित्‍सा अधिकारियों की उपलब्‍धता की स्थिति में सुधार होगा और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं होंगी सुदृढ़
  • अनिवार्य दवाइयों की सस्‍ती और सुलभ उपलब्‍धता सुनिश्‍चित करने के लिए एनएचएम के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के लिए 35 करोड़ रुपए की नि:शुल्‍क औषध सेवा को किया गया है अनुमोदन प्रदान

 

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री जे.पी नड्डा ने एक प्रेस वक्‍तव्‍य में बताया कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने इस शैक्षिक वर्ष से नाहन मेडिकल कॉलेज के लिए 100 एमबीबीएस सीटों की मंजूरी प्रदान की है। इससे राज्‍य सरकार इसी वर्ष से ही प्रवेश प्रक्रिया शुरु कर सकेगी। नड्डा ने इस बात पर जोर दिया कि इससे राज्‍य में चिकित्‍सा अधिकारियों की उपलब्‍धता की स्थिति में सुधार होगा और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं सुदृढ़ होंगी।

जे.पी. नड्डा ने आगे उल्‍लेख किया कि यह ‘‘राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एनएचएम) के तहत हिमाचल प्रदेश के लिए 256.92 करोड़ रुपए के वित्तीय संसाधन को प्रदान की गयी मंजूरी के अतिरिक्‍त है। यह हिमाचल प्रदेश में जन-स्‍वास्‍थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और विस्‍तार करने की सरकार की प्रतिबद्धता की दिशा में एक और कदम है।’’

उन्‍होंने बताया कि एनएचएम के तहत वर्तमान में चल रही परियोजनाओं के तहत प्रतिबद्ध दायित्‍व के अतिरिक्‍त, 85 करोड़ रुपए लागत की प्रमुख ढांचागत परियोजनओं को अनुमोदन दिया गया है। इसमें 3 नए मातृ एवं बाल स्‍वास्‍थ्‍य विंग हैं जिनमें 40 करोड़ रुपए की लागत से डॉ. आरपीजी एमसी टांडा में 200 बिस्‍तरों का एमसीएच विंग, 10-10 करोड़ रुपए की अनुमोदित लागत से डॉ. वाई एस परमार मेडिकल कॉलेज, नाहन में तथा सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र नूरपुर में एमसीएच विंग शामिल है। इन दोनों में 50-50 बिस्‍तरों का प्रावधान होगा। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने यह भी कहा कि मंत्रालय द्वारा सीएचसी, सरकाघाट में 3 करोड़ रुपए की लागत से अतिरिक्‍त आईपीडी ब्‍लॉक और नौराहधार में सीएचसी भवन, जिसके लिए 4.63 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है, की मंजूरी प्रदान की गई है। इसी क्रम में , एनएचएम के तहत इस वर्ष की राज्‍य योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में नौ नए पीएचसी भवनों और 32 उप-केंद्रों को भी मंजूरी प्रदान की गई है।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि एनएचएम के अर्न्‍तगत वर्तमान में चल रही परियोजनाओं पर भी ध्‍यान दिया गया है। कमला नेहरु अस्‍पताल (केएनएच), शिमला तथा जोनल अस्‍पताल मंडी में पूर्व में अनुमोदित एमसीएच विंग के लिए इस वर्ष 10 करोड़ रुपए की अतिरिक्‍त निधि प्रदान की जा रही है। राष्‍ट्रीय नि:शुल्‍क डायलिसिस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी जिला अस्‍पतालों द्वारा पीपीपी मोड के अंतर्गत इस सेवा को शुरू करना अपेक्षित है तथा इस वर्ष की योजना में एक (1) करोड़ रुपए अनुमोदित किए गए हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार राज्‍य में गर्भवती माताओं तथा नवजात शिशुओें के लिए समेकित आपातकालीन सेवाओं हेतु प्रतिबद्ध है। सरकार ने आपातकालीन परिचर्या के अंतर्गत 26 पुरानी एंबुलेंसों (108 के अंतर्गत) को बदलने तथा गर्भवती महिला एवं रुग्‍ण नवजात शिशुओं के लिए नि:शुल्‍क रेफरल परिवहन के लिए अनुमोदन प्रदान किया है। उन्‍होंने बताया कि इन सेवाओं के लिए इस वर्ष कुल 10 करोड़ से अधिक की धनराशि स्‍वीकृत की गई है।

‘‘स्‍वच्‍छ भारत, स्‍वस्‍थ भारत’’ के अधिदेश के अनुसार गुणवत्ता आश्‍वासन पर जोर दिया गया है तथा इस वर्ष की योजना में 5.3 करोड़ रुपए का बजट अनुमोदित किया गया है। इसमें जन-स्‍वास्‍थ्‍य में कायाकल्‍प पहल, हरित शौचालय का निर्माण, हेपाटाइटिस-बी टीकाकरण तथा जैव-चिकित्‍सीय अपशिष्‍ट प्रबंधन शामिल होगा। जे पी नड्डा ने कहा कि अनिवार्य दवाइयों की सस्‍ती और सुलभ उपलब्‍धता सुनिश्‍चित करने के लिए एनएचएम के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के लिए 35 करोड़ रुपए की नि:शुल्‍क औषध सेवा को अनुमोदन प्रदान किया गया है। मंत्रालय ने प्रायोगिक आधार पर जिला कांगड़ा में अनमोल के जरिए टैबलेट आधारित एमसीटीएस डॉटा एंट्री और उन्‍नयन के एक प्रस्‍ताव को भी अनुमोदन दिया। मंत्री ने यह दोहराते हुए आश्‍वासन दिया कि मंत्रालय पर्वतीय राज्‍य में जन स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की उपलब्‍धता को सुदृढ़ करके उसमें सुधार करेगा।

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