नागर विमानन मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित यात्री केंद्रित संशोधनों की घोषणा

नागर विमानन मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित यात्री केंद्रित संशोधनों की घोषणा

  • धन वापसी की प्रक्रिया घरेलू यात्रा के मामले में 15 कार्य दिवसों में और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के मामले में 30 कार्य दिवसों के भीतर की जानी चाहिए पूरी
  • टिकट रद्द करने के मामले में सांविधिक कर और उपयोगकर्ता विकास शुल्क/ हवाई अड्डा विकास शुल्क/ यात्री सेवा शुल्क की राशि की जाएगी वापिस
  • किसी भी हालत में टिकट रद्द राशि मूल किराए से नहीं होगी अधिक

 नई दिल्ली: नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि उनका मंत्रालय न केवल एयरलाइन उद्योग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है बल्कि उसे यह भी सुनिश्चित करना है कि ज्यादातर भारतीयों के लिए हवाई यात्रा एक सुखद अनुभव बन जाए। इस प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने नागर विमानन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा के साथ यात्री केंद्रित पहलों के संबंध में महानिदेशक नागर विमानन (डीजीसीए) द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन की अध्यक्षता की। इस प्रेजेंटेशन में संशोधनों की पहली श्रेणी “हवाई टिकटों की रिफंड राशि” से संबंधित सीएआर में की गयी है। मंत्रालय का प्रस्ताव है कि धन वापसी की प्रक्रिया घरेलू यात्रा के मामले में 15 कार्य दिवसों में और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के मामले में 30 कार्य दिवसों के भीतर पूरी की जानी चाहिए। यह भी प्रस्ताव है कि टिकट रद्द करने के मामले में सांविधिक कर और उपयोगकर्ता विकास शुल्क/ हवाई अड्डा विकास शुल्क/ यात्री सेवा शुल्क की राशि वापिस की जाएगी। मंत्रालय ने इस श्रेणी में यह भी प्रस्ताव किया है कि किसी भी हालत में टिकट रद्द राशि मूल किराए से अधिक नहीं होगी।

“बोर्डिंग से मना करने, उड़ान रद्द करने और उड़ान में देरी” से संबंधित सीएआर की दूसरी श्रेणी में मंत्रालय ने यह प्रस्ताव किया है कि एक ओर के बुकिंग के मूल किराए के 200 प्रतिशत के बराबर राशि तथा एयरलाइन ईंधन प्रभार जो अधिकतम 10,000 रूपये होगा, एयरलाइन द्वारा वैकल्पिक उड़ान का प्रबंध करने के मामले में यात्रियों को भुगतान किया जाएगा और ऐसी उड़ान एक घंटे के बाद लेकिन बुकिंग के निर्धारित प्रस्थान समय के 24 घंटे के अंदर होगी।

“कम गतिशीलता के साथ व्यक्तियों” को उपलब्ध कराए जाने वाली सुविधाओं से संबंधित सीएआर की तीसरी श्रेणी में एयरलाइंस स्ट्रेचर का अग्रिम अनुरोध करने के लिए एक प्रक्रिया विकसित करेगी और इसे एयरलाइन की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रशिक्षण मॉड्यूल के अनुसार एयरलाइंस, हवाई अड्डा संचालक, सुरक्षा कर्मी, सीमा शुल्क और आव्रजन विभाग यात्री सेवाओं में लगे अपने सभी कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। इन कर्मियों को संवेदनशील बनाया जाएगा और विकलांगता या कम गतिशीलता से ग्रस्त व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने के लिए जागरूकता विकसित की जाएगी। भारत में / भारत से बाहर विदेशी कैरियर अपने मूल देश के नियमों के अनुसार टिकटों की राशि वापिस लौटाएंगे। सामान की जाँच करने के प्रभारों के संबंध में, मंत्रालय ने प्रस्ताव किया है कि एयरलाइन को 15 से 20 किलो के बीच सामान के लिए 100 रुपए प्रति किलो अतिरिक्त सामान प्रभार पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। नागर विमानन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि उनका मंत्रालय भारतीय एयरलाइन उद्योग को मौजूदा नौवें स्थान से तीसरे स्थान पर लाने के लिए पूरा प्रयास करेगा। उन्होंने प्रेजेंटेशन की मुख्य विशेषताओं को हिन्दी में भी समझाया।

यह प्रस्ताव मंत्रालय की वेबसाइट पर 15 दिनों के लिए डाल दिया जाएगा। इस दौरान हितधारक अपने सुझाव और टिप्पणियां देने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके बाद मंत्रालय ने प्रस्तावित संशोधनों को अंतिम रूप देगा और उन्हें बहुत जल्दी लागू करेगा।

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