प्रदेश सरकार की 3 साल कारगुजारी निराशाजनक और बिना विकास की : कौल सिंह

तम्बाकू के सेवन पर अंकुश के लिये एकजुट प्रयासों की आवश्यकताः कौल सिंह

  • चण्डीगढ़ में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम पर उत्तर क्षेत्रीय राज्यों की कार्यशाला आयोजित

शिमला: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि समाज से नशा विशेषकर तम्बाकूयुक्त उत्पादों के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिये सभी का सहयोग एवं राजनीतिक प्रतिबद्धता का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों तथा स्वंय सेवी संस्थाओं को सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है।

ठाकुर आज चण्डीगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम पर आयेाजित ऑरियन्टेशन एवं कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यशाला के समापन अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला में देश के विभिन्न सात राज्यों-हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखण्ड, जम्मू-कश्मीर तथा केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ के प्रतिनिधि शामिल हुए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विश्व में तम्बाकू उत्पादों के सेवन से सर्वाधिक मौतें होती हैं और भारत भी इसका अपवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि देश का कोई भी राज्य तम्बाकू से अछूता एवं सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हम सभी पर यह जिम्मेवारी आ गई है कि हम इसके निदान के लिए ठोस रणनीति तैयार करें और इसका संबंधित राज्यों में प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाएं तथा इसे व्यावहारिक रूप दें। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह कार्यशाला भविष्य में तम्बाकू नियंत्रण में सहायक सिद्ध होगी।

ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में तम्बाकू नियंत्रण के लिए अनेक पग उठाए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला धूम्रपान मुक्त राज्य है और इस दर्जे को बनाए रखना हमारे लिए और अधिक चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य में तम्बाकू के सेवन की मौजूदा 22 प्रतिशत दर को कम करने के लिए और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों को देश के अन्य राज्यों ने अपनाया है तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी सराहना की है। हिमाचल प्रदेश को तम्बाकू नियंत्रण के लिए दो बार विश्व स्वास्थ्य संगठन सीयरो पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बेशक राज्य में तम्बाकू नियंत्रण की दिशा में काफी कुछ किया जा चुका है, लेकिन इसे पूरी तरह समाप्त करने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में घरों में पैसिव स्मोकिंग काफी अधिक है और राज्य सरकार महिलाओं व बच्चों को इससे बचाने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानांे के समीप तम्बाकू की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबन्ध सुनिश्चित बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल एवं कालेज के बच्चे एक सिगरेट से इसकी आदत बना लेते हैं, जिसे रोकने के लिए राज्य सरकार प्रदेश में सिंगल सिगरेट की बिक्री पर भी पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया है तथा उलंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में 7500 आशा वर्करों तथा पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों को तम्बाकू उत्पादों के सेवन को रोकने बारे प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

ठाकुर ने उत्तर क्षेत्र के सभी राज्यों के प्रतिनिधियों से तम्बाकू उत्पादों एवं इसके सेवन पर अंकुश के लिए सख्त कदम उठाने का आग्रह किया।

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