दो वर्षों में हिमाचल प्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं की जाएंगी आरम्भ : गडकरी

  • सड़क निर्माण में गुणवत्ता के साथ नहीं किया जाएगा कोई समझौता: गडकरी
  • प्रदेश सरकार की मांग के अनुरूप यहां सड़क परियोजनाओं के निर्माण में हिमाचल के छोटे ठेकेदारों को भी कार्य किया जाएगा प्रदान
  • गडकरी ने किया मुख्यमंत्री से आग्रह, प्रदेश में प्री-कास्ट आयरन उद्योग भी किया जाए स्थापित
  • नितिन गडकरी एवं वीरभद्र सिंह द्वारा 2655 करोड़ की सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास

शिमला: केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने आज यहां हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की गरिमामय उपस्थिति में लगभग 2655 करोड़ रुपये की तीन सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग-22 (अब राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-5) के परवाणु-सोलन खण्ड के फोरलेनिंग कार्य, इसी राष्ट्रीय राजमार्ग के सोलन-कैथलीघाट खण्ड के फोरलेनिंग कार्य तथा शिमला बाईपास के फोरलेनिंग कार्य का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि हिमाचल पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है और यहां अच्छी सड़कों के निर्मित होने से प्रदेश को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बेहतर सड़कों के निर्माण से जहां युवाओं को रोज़गार एवं स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे वहीं पर्यटन क्षेत्र भी सुदृढ़ होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने निर्णय लिया है कि 80 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण कार्य पूरा होने पर ही सड़क निर्माण आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने हिमाचल में भूमि अधिग्रहण कार्य एवं वन स्वीकृतियों में तेजी लाने के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 2630 किलोमीटर लम्बाई के राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। अगले दो वर्षों में प्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं आरम्भ की जाएंगी। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

नितिन गडकरी ने कहा कि प्रदेश सरकार की मांग के अनुरूप यहां सड़क परियोजनाओं के निर्माण में हिमाचल के छोटे ठेकेदारों को भी कार्य प्रदान किया जाएगा। इस दिशा में हिमाचल में एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि प्रदेश में प्री-कास्ट आयरन उद्योग भी स्थापित किया जाए।

  • पहाड़ों में सड़कों का आधुनिक तकनीक से निर्माण आवश्यक : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में सड़कें परिवहन का मुख्य साधन हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवन्त सिंह परमार सड़कों को प्रदेश की भाग्य रेखाएं मानते थे। हिमाचल में सड़कें सही मायनों में भाग्य रेखाएं हैं क्योंकि परिवहन का एकमात्र साधन होने के साथ-साथ सड़कें प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में भी मुख्य भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में लगभग 35 हजार किलोमीटर वाहन योग्य सड़कें हैं। प्रदेश की 3120 पंचायतें सड़कों से जुड़ चुकी हैं। शेष बची पंचायतों को भी शीघ्र सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ों में सड़कों का आधुनिक तकनीक से निर्माण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में हर समय दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। इसलिए यह आवश्यक है कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता एवं तकनीक के साथ कोई समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस वित्त वर्ष में लोक निर्माण विभाग के माध्यम से 3054 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि सड़कों का जाल बिछने से प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बल मिलेगा तथा प्रदेश के स्थानीय बागवानी उत्पादों को देश एवं विदेश की बड़ी मंडियों तक शीघ्र पहुंचाने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत तीन वर्षों में सतत प्रयत्नों से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत स्वीकृत 2354 सड़क कार्यों में से 1933 परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है। 3689 बस्तियों में से 3318 को जोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विश्व बैंक सड़क परियोजना के तहत् 10 परियोजनाओं में से 8 को पूरा कर लिया है। उन्होंने हिमाचल में महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास के लिए भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय उच्च राजमार्ग प्राधिकरण के मुख्य महा प्रबन्धक डॉ. बी.आर. सिंगला ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए विभिन्न सड़क परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल, आयुर्वेद एवं सहकारिता मंत्री कर्ण सिंह, प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल, सांसद प्रो. वीरेन्द्र कश्यप, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सती, विधायक के.एल. ठाकुर, राजीव सैजल, बलदेव तोमर, सुरेश कश्यप, डॉ. राजीव बिन्दल, सुरेश भारद्वाज, ज़िला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष राहुल ठाकुर, अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग नरेन्द्र चौहान, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

  • गडकरी  ने किये ये राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित

नितिन गडकरी इस अवसर पर 114 किलोमीटर लम्बे सनौरा-राजगढ़-नौहराधार-हरिपुरधार-रोनहाट-जामली मार्ग, 58 किलोमीटर लम्बे सतौन-रेणुका-ददाहू-जमटा-दो सड़का मार्ग, 50 किलोमीटर लम्बे हरिपुरधार-संगड़ाह-रेणुका मार्ग, 57 किलोमीटर लम्बे कण्डाघाट-साधुपुल-चायल-कुफरी मार्ग, 77 किलोमीटर लम्बे हरिपुरधार-कुपवी-तराहन-सराहन-चौपाल मार्ग, 110 किलोमीटर लम्बे सैंज-देहा-चौपाल-नेरवा-फेडजपुल मार्ग, 20 किलोमीटर लम्बे सोलन-सुबाथू मार्ग,   57 किलोमीटर लम्बे कफोटा-जखाणा-जौंग-टुनियां-हरिपुर मार्ग, 96 किलोमीटर लम्बे रोहडू-चिड़गांव-लरोट-डोडरा-क्वार मार्ग, 35 किलोमीटर लम्बे नालागढ़-दभोटा-बरूणा-बघेरी-मोड़ा मार्ग, 80 किलोमीटर लम्बे सनौरा-यशवंतनगर-गौड़ा-डुबलू-जनेडघाट-छलांडा-जुन्गा-मेहली मार्ग तथा 60 किलोमीटर लम्बे हाटकोटि-मंढोल-ताहु-थरोला-कोटखाई मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए।

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