नई दिल्ली: तंबाकू के इस्तेमाल में कमी लाने के लिए सामाजिक संगठनों का सहयोग मांगते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने आज उनसे स्कूलों के एक समूह को गोद लेने और बच्चों में तंबाकू के नुकसान के बारे में संवेदनशीलता पैदा करने का आग्रह किया। विश्व तंबाकू निरोधक दिवस की पूर्व संध्या पर नड्डा ने कहा कि तंबाकू की बुराइयों के बारे में स्कूली बच्चों को संवेदनशील बनाना महत्वपूर्ण है ताकि वे इसका सेवन शुरू ही नहीं करें।
उन्होंने कहा, ‘मैं एनजीओ और सिविल सोसायटी संगठनों से आगे आने और पांच छह स्कूलों को गोद लेकर बच्चों को तंबाकू के सेवन के खतरों के बारे में तथा तंबाकू उत्पादों पर बड़ी चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनियों के असर के बारे में संवेदनशील बनाने का अनुरोध करता हूं।’ नड्डा ने कहा, ‘इसका मकसद उन्हें शुरूआत से ही तंबाकू के नुकसान के बारे में जागरक करना है ताकि वे चबाने या धूम्रपान, दोनों में से किसी भी स्वरूप में इसका सेवन शुरू नहीं करें। हम एक के बाद एक कैंसर अस्पताल बना सकते हैं और बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर उनमें रोगियों को भी भर्ती कर सकते हैं। लेकिन हमारा ध्यान रोकथाम पर होना चाहिए।’ अंतरराष्ट्रीय वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि करीब 35 प्रतिशत भारतीय वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं जबकि इसे लेकर इतनी जागरकता और संवेदनशीलता बढ़ाई जा रही है।
नड्डा ने आज तंबाकू छोड़ना चाहने वाले लोगों की मदद के लिए ‘नेशनल टोबेको सेसेशन क्विटलाइन’ की शुरूआत की। उन्होंने कहा, ‘रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 50 प्रतिशत तंबाकू उपभोक्ता इसे छोड़ना चाहते हैं जो एक सकारात्मक पहलू है और हमें इस दिशा में काम करना होगा।’ नड्डा ने इस मौके पर विज्ञापन भी जारी किये जिनमें भारत के तंबाकू नियंत्रण अंबेसेडर राहुल द्रविड़ को दर्शाया गया है।