- औद्योगिक घरानों ने औद्योगिक इकाईयां स्थापित करने के लिए “देव भूमि हिमाचल” को अपनी कर्म भूमि चुना
- हिमाचल प्रदेश में औद्योगिकरण के एक नए युग का सूत्रपात
- राज्य स्तरीय एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण ने इस अवधि के दौरान 247 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान
- : इनमें 8852.55 करोड़ रुपये के निवेश के 91 नये प्रस्ताव तथा 3720.28 करोड़ रुपये के निवेश के 152 विस्तार के प्रस्ताव शामिल
- : कुल 12,571.83 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने में सफलता मिली है तथा इनमें 24,760 लोगों को रोजगार के अवसर होंगे उपलब्ध
- प्रदेश में औद्योगिक इकाईयां स्थापित करने की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने एक सामान्य आवेदन की सुविधा आरम्भ की
- सामान्य आवेदन के माध्यम से प्राधिकरण अब आवेदन प्रपत्र प्राप्त होने की तिथि से 45 दिनों के भीतर मंजूरी
- राज्य में नये निवेश के लिये शीघ्र मंजूरी प्रदान करने के लिये राज्य में ‘हिमाचल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट की जा रही है स्थापना
- ताकि: और औद्योगिक घरानें हिमाचल में कर सकें निवेश
- राज्य में की जा रही है उद्यमियों को ‘मुख्य मंत्री स्टार्ट-अप/नई औद्योगिक योजना’ प्रदान
- राज्य में सभी नए उद्यमों को अब ऑन-लाईन या मैन्युअल रूप से केवल स्वयं प्रमाणित दस्तावेज करने होंगे प्रस्तुत
- सभी विभाग दस्तावेज प्रस्तुत करने के 15 दिनों के भीतर करेंगे अंतरिम पंजीकरण जारी
- 100 हिमाचलियों को रोजगार प्रदान करने वाले लघु उद्योगों व अन्य उद्योगों को औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन रियायती दरों पर करवाई जाएगी उपलब्ध
- राज्य सरकार ने लिया है स्टार्ट-अप के समर्थन के लिये राज्य के प्रमुख संस्थानों में ‘इनक्यूबेशन केन्द्र’ स्थापित करने का निर्णय
- : स्टार्ट-अप विनिर्माण क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश सरकार अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा खरीद वरीयता के लिए होंगे हकदार
राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे अनेक प्रोत्साहनों के परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश में औद्योगिकरण के एक नए युग का सूत्रपात हुआ है। इन प्रोत्साहनों के फलस्वरूप कई जाने-माने औद्योगिक घरानों ने राज्य में औद्योगिक इकाईयां स्थापित करने के लिए देव भूमि हिमाचल को अपनी कर्म भूमि चुना है। राज्य सरकार की ओर से उठाए गए इन अग्रसक्रिय प्रयासों से मौजूदा उद्योग भी अपनी इकाईयों का विस्तार करने के लिये प्रोत्साहित हुए हैं।
राज्य को उपलब्ध करवाये जा रहे आकर्षक प्रोत्साहन पैकेज के समय से पहले समाप्त करने के कारण प्रोत्साहन उपरान्त अवधि के दौरान प्रदेश में औद्योगिकरण की गति धीमी होने की आशंका बनी हुई थी, परन्तु प्रगतिशील और औद्योगिक अनुकूल नीतियों के साथ राज्य का नेतृत्व निवेशकों का विश्वास जीतने व उन्हें अनेक प्रोत्साहन प्रदान करने में सफल हुआ है।
राज्य स्तरीय एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण ने इस अवधि के दौरान 247 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। इनमें 8852.55 करोड़ रुपये के निवेश के 91 नये प्रस्ताव तथा 3720.28 करोड़ रुपये के निवेश के 152 विस्तार के प्रस्ताव शामिल हैं। इस प्रकार कुल 12,571.83 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने में सफलता मिली है तथा इनमें 24,760 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। औद्योगिक प्रस्तावों को समयबद्ध अनुमोदन की प्रक्रिया में तेजी लाने तथा प्रदेश में औद्योगिक इकाईयां स्थापित करने की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने एक सामान्य आवेदन की सुविधा आरम्भ की है। इस सामान्य आवेदन के माध्यम से प्राधिकरण अब आवेदन प्रपत्र प्राप्त होने की तिथि से 45 दिनों के भीतर मंजूरी प्रदान कर रहा है।
राज्य में नये निवेश के लिये शीघ्र मंजूरी प्रदान करने के लिये राज्य में ‘हिमाचल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट की स्थापना की जा रही है ताकि और औद्योगिक घरानें हिमाचल में निवेश कर सकें। बागवानी, उद्योग तथा कृषि ऐसे क्षेत्र हैं जिनपर राज्य की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है और ये किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था के प्रमुख संकेतक हैं तथा प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करवा रहे हैं। राज्य में उद्यमियों को ‘मुख्य मंत्री स्टार्ट-अप/नई औद्योगिक योजना’ प्रदान की जा रही है जिसने न केवल राज्य में नए निवेशों को आकर्षित किया है, बल्कि उद्यमियों को उनकी मौजूदा इकाईयों के विस्तार के लिये भी प्रोत्साहित किया है।
राज्य में सभी नए उद्यमों को अब ऑन-लाईन या मैन्युअल रूप से केवल स्वयं प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। सभी विभाग दस्तावेज प्रस्तुत करने के 15 दिनों के भीतर अंतरिम पंजीकरण जारी करेंगे। 100 हिमाचलियों को रोजगार प्रदान करने वाले लघु उद्योगों तथा अन्य उद्योगों को औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन रियायती दरों पर उपलब्ध करवाई जाएगी। एक अन्य प्रमुख कदम के तहत राज्य सरकार ने स्टार्ट-अप के समर्थन के लिये राज्य के प्रमुख संस्थानों में ‘इनक्यूबेशन केन्द्र’ स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। ये स्टार्ट-अप विनिर्माण क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश सरकार अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा खरीद वरीयता के लिए हकदार होंगे। इसके अलावा, इन इकाईयों को पहले अनुभव/कारोबार व टर्नओवर जैसी अनिवार्यताओं में छूट दी जाएगी, बशर्ते वे अपेक्षित गुणवत्ता मानकों को पूरा करती हों।
आमतौर पर यह देखा गया है कि माइक्रो सेक्टर में 25 लाख रुपये के निवेश के साथ नई शुरूआत करने वाले उद्यम युवाओं को अधिक रोजगार प्रदान करते हैं। इसलिये
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि कम से कम पांच लोगों को रोजगार प्रदान करने वाले तथा बैंकों से ऋण प्राप्त करने वाले सभी ऐसे उद्योगों को तीन वर्षों के लिये 10 लाख रुपये के ऋण पर 4 प्रतिशत की दर से ब्याज उपदान प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है, कि नए उद्योगों को पंजीकरण के लिये केवल 3 प्रतिशत की दर से स्टाम्प ड्यूटी वसूली जाएगी।
राज्य में पर्यावरण मित्र उद्योगों को सुविधाएं मुहैया करवाने के लिये नामित औद्योगिक क्षेत्रों में हरे एवं नारंगी श्रेणी के उद्योगों की स्थापना की जाएगी तथा पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता न होने वाले ऐसे उद्योगों को बिना किसी निरीक्षण के स्व-प्रमाणन पर इकाईयां स्थापित करने की सहमति दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि उद्योग स्थापित करने की सहमति शुल्क तथा ग्रीन उद्योग और आरेंज उद्योगों के मामले में नवीकरण के लिये सहमति शुल्क क्रमशः 25 प्रतिशत और 10 प्रतिशत कम किया जाएगा।
ऊना जिले के पंदोगा, कांगड़ा के कंदरौड़ी तथा सोलन जिले के धभोटा में तीन अत्याधुनिक औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं, जो उद्यमियों को आधुनिक बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेंगे और निवेश के लिये हिमाचल प्रदेश देश का सर्वश्रेष्ठ गंतव्य बनाने के लिये कारगर सिद्ध होंगे।