नई दिल्ली: नीति आयोग अटल नवाचार मिशन के तहत तीन प्रमुख योजनाओं (क) स्कूलों में टिंकरिंग प्रयोगशालाओं की स्थापना (ख) नये इन्क्यूबेशन केंद्रों की स्थापना और (ग) पहले से ही स्थापित इन्क्यूबेशन केंद्रों की क्षमता वृद्धि के तहत आवेदन करने के लिए पात्र स्कूलों/संगठनों एवं लोगों से आवेदन आमंत्रित कर रहा है।
विद्यार्थियों में रचनात्मकता और वैज्ञानिक समझ बढ़ाने के लिए अटल नवाचार मिशन (एआईएम) के तहत स्कूलों में 500 अटल टिंकरिंग लैबोरेटरीज की स्थापना की जाएगी। इसके तहत देश भर में फैले स्कूलों (कक्षा छठी – बारहवीं) में अटल टिंकरिंग लैबोरेटरीज (एटीएल) की स्थापना के लिए 10 लाख रुपये की एकबारगी प्रतिष्ठान अनुदान सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, एटीएल के परिचालन व्यय के लिए भी अगले पांच वर्षों के दौरान हर एटीएल को 10 लाख रुपये की राशि मुहैया कराई जाएगी। इस तरह हर चयनित स्कूल में प्रत्येक अटल टिंकरिंग लैबोरेटरी पर 20 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे। युवा बच्चों को विभिन्न टूल्स एवं उपकरणों के साथ काम करने का मौका मिलेगा, जिससे उन्हें स्टेम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) की अवधारणाओं को समझने में मदद मिलेगी। बच्चों द्वारा विकसित किए गए अभिनव उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
एआईएम के तहत देश भर में नये इन्क्यूबेशन केंद्रों की स्थापना के लिए अकादमिक एवं गैर-अकादमिक संस्थानों (कंपनियां/प्रौद्योगिकी पार्क/व्यक्तियों का समूह) को भी वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी। इन्हें अटल इन्क्यूबेशन केंद्र (एआईसी) कहा जाएगा। इनकी स्थापना विशेष विषय वाले विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि विनिर्माण, परिवहन, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, जल और स्वच्छता, आदि में स्थापित किया जाएगा। ये इन्क्यूबेशन केंद्र विभिन्न सोल्यूशन (समाधान) विकसित करने के लिए अन्वेषकों और स्टार्टअप उद्यमियों को इन्क्यूबेशन पूर्व सुविधाएं, साझा बुनियादी ढांचा एवं सेवाएं जैसे कि प्रौद्योगिकी विकास सहायता, नेटवर्किंग एवं सलाह, फंड तक पहुंच, प्रशिक्षण व विकास, व्यावसायिक सहायता सेवाएं (उद्यमिता विकास, विपणन, वित्त एवं लेखांकन, अनुसंधान, वैधानिक, नियामकीय इत्यादि) मुहैया कराएंगे। एआईएम का उद्देश्य वर्ष 2016-17 के दौरान 100 एआईसी की स्थापना करना है। एआईएम के तहत एक नये एआईसी की स्थापना के लिए अगले पांच वर्षों के दौरान पूंजीगत निवेश के साथ-साथ परिचालन एवं रख-रखाव से जुड़े खर्चों के लिए 10 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता दी जाएगी।