प्रत्येक महाविद्यालय को मिलेगा संगीत अध्यापक व तबला मास्टर : मुख्यमंत्री

सरकार ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धः मुख्यमंत्री

निजी हितों के लिए खेलों का दुरुपयोग अनुचित

शिमला : प्रदेश सरकार राज्य में पर्याप्त खेल अधोसरंचना विकसित करने के लिए वचनबद्ध है और इस दिशा में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में आउटडोर व इंडोर स्टेडियमों का निर्माण किया जा रहा है ताकि युवाओं को आधारभूत खेल अधोसंरचना उपलब्ध करवाई जा सके। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज सोलन जिला के कसौली विधानसभा क्षेत्र के कुमारहट्टी तथा बोहली में जनसभाओं को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत में खेल मैदान होने के अतिरिक्त प्रत्येक स्कूल में भी खेल उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से बेहतर खेल प्रतिभाओं को आगे लाया जा सके और वे राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में अपना हुनर दिखा सके।

उन्होंने कहा कि खेलों का निजी हितों के लिए प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। हाल ही में देखा गया है कि इसके कारण कई खेल बदनाम हुए, और यह न तो राष्ट्र और न ही खेल हित में है। मुख्यमंत्री ने कहा हिमाचल प्रदेश में वॉलीबॉल, कबड्डी तथा कुश्ती आदि खेलें अधिक खेली जाती हैं। प्रदेश सरकार पारम्परिक तथा ग्रामीण खेलों को बढ़ावा दे रही है। आधुनिक खेलों के मुकाबले आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में कुश्ती, वॉलीबॉल व अन्य खेलों को अधिक पसंद किया जाता है, जिनको और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने 5.33 करोड़ रुपये की लागत के कंडा काटल का बाग सड़क के स्तरोन्नत एवं सुदृढ़ीकरण कार्य का शुभारम्भ किया। उन्होंने की 3.46 करोड़ रुपये की लागत की ग्रुनी से बोहदन-सरी सड़क तथा 1.42 करोड़ रुपये की जोहाजी-काबा-कलां सड़क का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कुमारहट्टी में 2.12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले बहुद्देशीय खेल स्टेडियम तथा गांधी ग्राम में 5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले 33 केवी विद्युत उपकेन्द्र की आधारशिला रखी। इस विद्युत उप केन्द्र से क्षेत्र की 11 पंचायतों के 50 गांवों की लगभग 50 हजार जनसंख्या लाभान्वित होंगी।

उन्होंने नव स्तरोन्नत शहीद सिकन्दर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बोहली का भी लोकार्पण किया। इस पाठशाला का नाम कारगिल युद्ध के शहीद श्री सिकन्दर के नाम पर रखा गया है। इस अवसर पर उन्होंने शहीद सिकन्दर के माता-पिता को भी सम्मानित किया। उन्होंने अपनी ऐच्छिक निधि से सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 20 हजार रुपये प्रदान करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र सरकार सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में एक है और विशेषकर लड़कियों को शिक्षा की सुविधा के लिए अधिकतर शिक्षण संस्थान ग्रामीण क्षेत्रों में खोले गए हैं। प्रदेश के बजट की अधिकतर राशि शिक्षा पर खर्च की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी विकसित समाज का आधार शिक्षा होती है और व्यक्तित्व विकास में भी शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी सरकारी पाठशालाओं में खाली पदों को भरने के लिए प्रयासरत है और निकट भविष्य में सभी पद भर दिए जाएंगे और प्रत्येक स्कूल में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाया जाएगा। वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रत्येक महाविद्यालयों में संगीत अध्यापक तथा तबला मास्टरों की नियुक्ति की जाएगी। इसी प्रकार प्रत्येक जमा दो स्कूलों में भी चरणबद्ध तरीके से संगीत अध्यापक उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि माध्यमिक पाठशालाओं से ऊपर की पाठशालाओं में शारीरिक अध्यापकों का होना अति आवश्यक है और सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कण्डाघाट में निर्माणाधीन स्टेडियम का भी जायजा लिया

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिताम मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने मुख्यमंत्री का क्षेत्र के 20 से अधिक स्कूलों को स्तरोन्नत करने तथा जिले में चार कॉलेज खोलने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री की लोगों के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहने तथा उनकी समस्याओं का निदान सुनिश्चित बनाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस अवसर पर शहीद सिकन्दर के माता-पिता महेन्द्र सिंह तथा निर्मला का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विकास एक सतत् प्रक्रिया है और परियोजनाओं को पूरा करने में समय लगता है। शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जोगों के कल्याण के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं आरम्भ की गई हैं। उन्होंने क्षेत्र में हुए विकास का श्रेय वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली वर्तमान तथा पूर्व कांग्रेस सरकारों को दिया।

राज्य खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चौहान ने कहा कि कसौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजीव सैजल का यह आरोप कि मुख्यमंत्री द्वारा पहले से प्रयोग में लाई जा रही सड़कों के उद्घाटन किया जा रहे हैं, पूरी तरह से आधारहीन हैं। उन्होंने कहा कि विधायक ने कभी भी क्षेत्र के विकास को तरजीह नहीं दी और न ही सरकार के साथ कल्याण के मामलों को कभी उठाया। चौहान ने कहा कि सैजल को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, परन्तु कार्यक्रम में शामिल होने के स्थान पर उन्होंने मुख्यमंत्री के विकासात्मक दौरे की आलोचना के लिए प्रेस वार्ता आयोजित की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के वर्तमान विधायक लम्बे से लम्बित 33 के.वी. के उप-केन्द्र के लिए भूमि चिन्हित करने में भी असफल रहे। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पट्टा बरौरी का कार्य वर्ष 2006 में आरम्भ हो गया था, परन्तु भाजपा ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान इस कार्य को पूरा नहीं किया।

हि.प्र. कांग्रेस समिति के महासचिव विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि गत तीन वर्षों के दौरान वर्तमान विधायक ने कभी भी मुख्यमंत्री से भेंट नहीं की और न ही उनसे विकास के मामलों पर चर्चा की। उर्जा मंत्री सुजान सिंह पठानिया, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष गंगू राम मुसाफिर, पूर्व विधायक कृष्णा मोहिनी, जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मोहन मेहता, बघाट बैंक के अध्यक्ष अरूण शर्मा, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निदेशक मंडल सदस्य अरविंद गुप्ता, हिमाचल पथ परिवहन निगम निदेशकमंडल के सदस्य अजय चौहान, सोलन जिला कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष शिव कुमार, पंचायत समिति के उपाध्यक्ष ललित ठाकुर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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