अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर नाहन में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

  • नाहन में कार्यक्रम का आयोजन  किया गया
  • प्रतिभागियों ने जैव विविधता अधिनियम 2002 तथा जैव विविधता नियम के बारे में लिया प्रशिक्षण
  • जिला एवं सत्र न्यायधीश बलदेव सिंह ने की कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत
  • कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता के रूप में किया गया आयोजित
  • हि. प्र. जैव विविधता बोर्ड के संयुक्त सदस्य सचिव कुनाल सत्यार्थी ने प्रतिभागियों को कार्यशाला के उदेदश्य के बारे में व अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के महत्व के बारे में कराया अवगत
  • अजय कुमार लाल निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं सदस्य सचिव हि.प्र. जैव विविधता बोर्ड ने अंतरर्राष्ट्रीय जैव विविधता के महत्व के बारे में दी विस्तृत जानकारी
प्रतिभागियों ने जैव विविधता अधिनियम 2002 तथा जैव विविधता नियम के बारे में लिया प्रशिक्षण

प्रतिभागियों ने जैव विविधता अधिनियम 2002 तथा जैव विविधता नियम के बारे में लिया प्रशिक्षण

शिमला: अंतरर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के उपलक्ष्य में हिमाचल जैव विविधता बोर्ड दवारा 22 मई को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन एसएफडीए हाल नाहन में किया गया। जिसमें जिला सिरमौर के जैविक हित्तधारकों जिसमें जिला परिषद विकास समिति सदस्यों और ग्राम पंचायत प्रधानों, जैविक हित्तधारक विभागों, वन अधिकारियों तथा स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने जैव विविधता अधिनियम 2002 तथा जैव विविधता नियम के बारे में प्रशिक्षण लिया। जिला एवं सत्र न्यायधीश बलदेव सिंह ने कार्यक्रम में मुख्यातिथी के रूप में शिरकत की। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता के रूप में आयोजित किया गया।

हिमाचल प्रदेश जैव विविधता बोर्ड के संयुक्त सदस्य सचिव कुनाल सत्यार्थी ने मुख्यातिथि व सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और हित्तधारक प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने हित्तधारक प्रतिभागियों को कार्यशाला के उदेदश्य के बारे में तथा अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के महत्व के बारे अवगत कराया। उन्होंने जैव विविधता अधिनियम 2002 और नियम पंचायती राज के प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण आवश्यकताओं के बारे में जानकारी दी। वहीं अजय कुमार लाल निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं सदस्य सचिव हि.प्र. जैव विविधता बोर्ड ने अंतरर्राष्ट्रीय जैव विविधता के महत्व के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा प्रदेश में जैव विविधता अधिनियम, 2002 कार्यान्वयन हेतु की जा रही गतिविधियों की जानकारी प्रतिभागियों को प्रदान की। इस अवसर पर वाई.पी. गुप्ता अरण्यपाल नाहन ने विशेष भाषण दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को सिरमौर जिले के जैविक संसाधनों के सरक्षंण व सतत उपयोग हेतु स्थानीय ईकाई स्तर पर विकास विभागों विशेषकर वन विभाग के साथ मिलजुल कर कार्य करने का आहवान किया जिससे सिरमौर जिले की सुख समृद्धि व भविष्य उज्जवल रहे। वहीं हरबंस सिंह बैसकन, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी नाहन ने अपने भाषण में हि.प्र. जैव विविधता बोर्ड द्वारा किए जा रहे क्रियाकलापों तथा सिरमौर जिले को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस आयोजन तथा जैव विविधता अधिनियम 2002 के कार्यान्वयन को मार्गदर्शन के तौर पर चयन करने के लिए सराहना की।

मुख्यातिथि बलदेव सिंह जिला एवं सत्र न्यायधीश ने अपने संबोधन में जैविक विविधता अधिनियम कार्यन्वयन की आवश्यकता जैविक संसाधन के उपयोग व जैविक संसाधन पर आधारित पारम्परिक ज्ञान से होने वाले लाभ आबंटन स्थानीय इकाई स्तर पर जैव विविधता अधिनियम एवं नियम के अनुरूप प्रदेश की खुशहाली एवं भविष्य स्वावलंबन के लिए की जा सके।

उदघाटन सत्र के पश्चात दो तकनीकी सत्र पचांयती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु आयोजन किया गया। अजय कुमार लाल, सदस्य सचिव हि.प्र. जैव विविधता बोर्ड ने प्रतिभागियों को जैव विविधता अधिनियम 2002 तथा जैव विविधता नियम 2004 तथा इसके कार्यन्वयन से जैविक ससांधन का संरक्षण सतत उपयोग इस पर आधारित उपयोग व पारम्परिक ज्ञान स्थानीय स्तर पर लाभ आबंटन हेतु कैसे किया जा सकता है बारे भाषण दिया। डा. पंकज शर्मा और डा. दश्यत शर्मा, सांइटिफिक हि.प्र. जैव विविधता बोर्ड द्वारा प्रतिभागियों को जैव विविधता प्रबंधन समितियों के गठन के बारे में तथा जैविक दस्तावेज स्थानीय इकाई स्तर पर तैयार करने बारे जानकारी प्रदान की गई।

जैव विविधता पर स्किट राजकीय उच्च विद्यालय मोगीनंद सिरमौर द्वारा प्रतिभागियों को प्रस्तुति प्रदान की गई। विस्तृत चर्चा प्रतिभागियों के साथ की गई तथा हि.प्र. जैव विविधता बोर्ड के स्त्रोत व्यक्तियों द्वारा उचित जवाब दिए गए। सिरमौर जिले के सभी पंचायत प्रधानों को अपनी-अपनी पंचायत में जैव विविधता प्रबंध समिति गठन के लिए पंचायत स्तर पर तैयार करने की गुजारिश की गई।

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