- प्रदेश में निरीक्षण निदेशालय का गठन किया जाएगाः वीरभद्र सिंह
- अर्की तहसील में अनेक स्कूलों को स्तरोन्नत करने की घोषणा
- अर्की में विद्युत उप केन्द्र और कार पार्किंग का लोकार्पण
शिमला: प्रदेश में निरीक्षण निदेशालय का गठन किया जाएगा ताकि सरकारी विद्यालयो में अध्यापकों की उपस्थिति सुनिश्चित बनाई जा सके। निदेशालय यह भी निश्चित करेगा कि अध्यापक अपना कार्य पूरे समर्पण भाव से कर रहे हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए निदेशालय की ओर से नियमित तौर पर विद्यालयों का औचक निरीक्षण और निगरानी की जाएगी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यह बात आज सोलन जिले की अर्की तहसील के भूमति में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने के दोषी अध्यापकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए बिना नोटिस के तुरंत बर्खास्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भूमति के 70वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता की और शैक्षणिक व अन्य सम्बद्ध गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों को पुरस्कार वितरित किए। स्कूल के प्रधानाचार्य भूपेन्द्र गुप्ता ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने एक आकर्षक मार्च पास्ट तथा रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि अध्यापकों की जिम्मेदारी एक सामान्य सरकारी कर्मचारी से अधिक है और उन्हें इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि उन पर विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास की एक महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है, जो उनके लिए केवल सामान्य ड्यूटी का हिस्सा न होकर एक मिशन से भी कहीं अधिक है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार सभी बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। पिछले तीन वर्षों में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 36 नए डिग्री कॉलेज खोले गए हैं तथा 994 नए स्कूल खोले अथवा स्तरोन्नत किए गए हैं। सरकारी स्कूलों तथा केन्द्रीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जा रही है। दसवीं तथा जमा दो के 10 हजार मेधावी विद्यार्थियों को नेट बुकस/लैपटॉप प्रदान किए जा रहे हैं।