बाली ने दिए सड़क सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों का और अधिक कड़ाई के साथ पालन करने के निर्देश

  • परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने शिमला में की प्रेसवार्ता आयाजित

शिमला: परिवहन मंत्री जी.एस. बाली शिमला ने शिमला में आयाजित प्रेस वार्ता के दौरान हाल ही में प्रदेश के विभिन्न भागों में हुई बस दुर्घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए सड़क सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों का और अधिक कड़ाई के साथ पालन करने के निर्देश दिए।

प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु : प्रथम दृष्टया बजरौली में निगम की बस एक निजी मारूति को बचाते हुए दुर्घनाग्रस्त हुई। हालांकि दुर्घटना के कारणों की जांच चल रही है। वह स्वंय मौके पर गए और कारणों को जानने की कोशिश की।

  • 4000 फुट से अधिक उंचाई वाली सड़कों पर कै्रश बैरियर लगाने की वकालत की।
  • 2011-12 में प्रदेश में 7,90,000 पंजीकृत वाहन थे, जो आज लगभग 12 लाख हो गए हैं।
  • बसों की संख्या पिछले साढ़े तीन सालों में लगभग दो गुणी हो चुकी है जो आज अकेले सरकारी क्षेत्र में ही 2800 तक पहुंच गई है।
  • लापरवाही से, नशे की हालत में अथवा मोबाईल फोन सुनते हुए बस चलाने का वीडियो अथवा रिकॉडिंग भेजने पर शिकायतकर्ता को एक हजार रुपये का ईनाम जो दोषी चालक से वसूला जाएगा। चालक के विरूद्ध नियमानुसार कारवाई की जाएगी। इसके लिये टॉल फ्री नम्बर 9418000529 पर भी शिकायत की जा सकती है। इससे सड़क दुर्घटनाएं कम करने में आम जन मानस की भागीदारी बढ़ेगी।
  • वाहन चालकों को उक्त के लिये दोषी पाए जाने पर 1000 रुपये जुर्माना अथवा 6 माह की कैद, यदि पुनरावृत्ति दोहराई जाती है तो ऐसे में 2 साल की कैद अथवा 2000 रुपये जुर्माना अथवा दोनों एक साथ का मोटर वाहन अधिनियम में प्रावधान है। निजी अथवा सरकारी कार चालकों को भी इसी प्रकार की सजा का प्रावधान। सभी क्षेत्रीय प्रबन्धकों को निर्देश जारी।
  • नॉन मोटराईज़ड वाहन भी बनते हैं दुर्घटना का कारण। सड़क सुरक्षा समिति इस पर कार्य कर रही है इसे भी सडक सुरक्षा में शामिल किया जाएगा।
  • उच्च मार्गों पर पेट्रोलिंग के लिये पुलिस विभाग को चार अतिरिक्त वाहन उपलब्ध करवाएं जाएंगे। दो इंटरसैप्टर वाहन पहले ही उपलब्ध करवाए गए हैं। सभी मार्गों पर नियमित पेट्रोलिंग सुनिश्चित बनाई जाए।
  • सड़क सुरक्षा समिति (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्ज) की हाल ही में बैंगलोर में आयोजित बैठक में सडक सुरक्षा को लेकर अनेक सुझाव दिए गए हैं जिन्हें क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत शामिल किया जाएगा।
  • सड़कों पर कहीं भी वाहन पार्क करना भी दुर्घटना का कारण बनते हैं, इसके लिये अधिनियम में चालान की राशि मौजूदा 100-200 रुपये से बढ़ाकर 500-1000 करने का सुझाव
  • परिवहन निगम में कार्यरत पीसमील वर्कर हालांकि दिहाड़ीदार की श्रेणी में नहीं आते, लेकिन निगम ने इनके कार्य को देखते हुए आईटीआई धारकों को 5 वर्ष तथा नॉन आईटीआई को 6 वर्ष का सेवाकाल पुरा करने के उपरान्त अनुबन्ध आधार पर इनकी सेवाएं लेने का निर्णय 13 फरवरी 2016 की निदेश्षक मण्डल की बैठक में लिया गया।
  • परिवहन निगम का उददेश्य यात्रियों की सेवा है। निगम ने चालकों व परिचालकों को 20 वर्ष का कार्यकाल पुरा करने पर दो विशेष वेतन वृद्धियों के अतिरिक्त 4,9, तथा 14 का स्केल व ग्रेड पे प्रदान की जिसपर सालाना 20 करोड़ से अधिक खर्च किया जा रहा है।
  • चिकित्सा भत्ता 1.5 करोड तथा 16 करोड़ अवकाश के बदले वेतन तथा अन्य देयों पर खर्च
  • 202 परिचालकों को पदोन्नत करके उप निरीक्षक बनाया गया।
  • निगम बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसके लिये परिवहन मंत्री ने निगम के चालकों, परिचालकों तथा सम्बद्ध स्टाफ की सराहना की। साथ ही उन्होंने निगम में कुछ तत्वों को सचेत भी किया जो अपना नेतृृत्व स्थापित करने के लिये कार्य प्रणाली में अनावश्यक व्यवधान डालने की कोशिश करते हैं।
  • प्रदेश के विभिन्न शहरों में सरकारी कर्मचारियों के लिये विशेष यात्रा कार्ड सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है।
  • 2008-09 के दौरान कुल 182 दुर्घटनाएं और 63 मौतें हुई, 2012-13 में 62 दुर्घटनाओं में 73 मौतें, 2013-14 में 100 दुर्घटनाओं में 33 मौतें, 2014-15 में 98 दुर्घटनाओं में 81 मौतें, 2015-16 में 109 दुर्घटनाओं में 35 मौतें जबकि 2016-17 में अभी तक 3 दुघर्टनाओं में 25 मौतें निगम की बसों में हुई हैं।

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