- टेली स्वास्थ्य सेवा बचा रही बहुमूल्य जिंदगियां
- 2500 जनजातीय मरीजों को पहुंचा है लाभ
- आईजीएमसी को एम्स नई दिल्ली, रोहतक तथा कटक से जोड़ा गया है
- आईजीएमसी प्रत्येक बुधवार को पीजीआई चण्डीगढ़ से जुड़ता है
शिमला: भौगोलिक परिस्थितियां तथा सीमित स्वास्थ्य चिकित्सा सुविधाएं जनजातीय जिला लाहौल एवं स्पिति में बहुमूल्य जिन्दगी को बचाने में बाधा नहीं बन सकी जब 31 वर्षीय मरीज को गम्भीर अवस्था में केलंग अस्पताल लाया गया। टेली स्वास्थ्य सेवाएं, केलंग के माध्यम से चेन्नई अपोलो अस्पताल के एक विशेषज्ञ की गत सायं समय पर जिला अस्पताल केलंग के चिकित्सक को सलाह मरीज को बचाने में सार्थक साबित हुई और उसकी हालत स्थिर हो गई।
स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि टेली मेडिसन की शुरूआत राज्य, विशेषकर दूरवर्ती एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद रोगियों को आपातकाल के दौरान वरदान सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का चिकित्सा विज्ञान के साथ समावेश दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने की चुनौतियों से निपटने में प्रभावी सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से गत एक वर्ष के दौरान जनजातीय क्षेत्र में 2500 मरीजों को लाभान्वित किया गया है। ठाकुर ने कहा कि टेली मेडिसन परियोजना का उद्देश्य साधारण दूरभाष के माध्यम से तथा दुर्गम क्षेत्रों में मरीजों को सस्ती कीमत पर ब्रॉडबैंड दूरसंचार मीडिया का उपयोग कर विशेषज्ञ अस्पतालों के साथ इंटरैक्टिव चिकित्सा वीडियो सम्मेलन के माध्यम से चिकित्सा सलाह एवं परामर्श प्रदान करना है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह परियोजना आईजीएमसी शिमला में दूरवर्ती एवं ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य संस्थानों को आईजीएमसी के साथ जोड़ना सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2005 में आरम्भ की गई थी। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी अस्पताल की रोगी कल्याण समिति द्वारा विशेषज्ञ राय प्राप्त करने के लिए यह परियोजना वीडियो टेली कॉनफ्रेसिंग के माध्यम से सफलतापूर्वक कार्यान्वित की जा रही है। वर्तमान में सीधा प्रसारण तथा दूसरी राय प्राप्त करने के लिए आईजीएमसी को प्रत्येक बुधवार को पीजीआई चण्डीगढ़ तथा प्रत्येक शनिवार को एसजी पीजीआई लखनऊ के साथ जोड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला को एम्स नई दिल्ली, रोहतक तथा लखनऊ से भी जोड़ा गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) श्री विनीत चौधरी ने कहा कि टेली स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण एवं दूरवर्ती क्षेत्रों में मरीजों को आपातकाल में तुरन्त विशेषज्ञ चिकित्सा सेवा एवं उपचार प्रदान करने में लाभकारी सिद्ध होगी। इससे दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों को अपडेट रहने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य के लोगों को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार भी आएगा।