स्पिति घाटी की 12 हजार से अधिक बस्तियां होंगी परियोजना से लाभान्वित

  • काजा में सौर व पवन ऊर्जा परियोजना के निर्माण हेतु समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित

शिमला: प्रदेश ने सौर व पवन ऊर्जा क्षेत्र में नई शुरूआत करते हुए आज यहां हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटेड, भारतीय सौर ऊर्जा निगम और केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय ने एक नये संयुक्त उपक्रम में सौर ऊर्जा परियोजना कार्यान्वयन के लिए ‘हिमाचल प्रदेश सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड’ के गठन के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की उपस्थिति में प्रदेश सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लि. के प्रबन्ध निदेशक पी.सी. नेगी तथा भारत सरकार की ओर से भारतीय सौर ऊर्जा निगम के प्रबन्ध निदेशक अश्वनी कुमार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

समझौता ज्ञापन के तहत लाहौल स्पीति जिला के काजा के रंगरीक में 2.5 मेगावाट क्षमता का एक हाईब्रिड (सौर एवं पवन) विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा जिसका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य सितम्बर-अक्तूबर, 2017 रखा गया है। यह परियोजना भारत की अपनी तरह की पहली परियोजना होगी जिसके तहत उच्च ऊर्जा भण्डारण की सहायता से सौर, पवन तथा जल विद्युत परियोजना का ग्रिड सप्लाई के साथ समायोजन किया जाएगा।

परियोजना के पूरा होने से रंगरीक, काजा, ताबो, लोसर, पिन घाटी तथा साथ लगते क्षेत्रों की 12000 से अधिक बस्तियां लाभान्वित होंगी। यद्यपि, मुख्यमंत्री ने जून 2014 में सौर परियोजना की आधारशिला रखी थी। परियोजना की कुल अनुमानित लागत 30 करोड़ 72 लाख रूपये है, जिसमें से पूंजी निवेश का 50 प्रतिशत भाग अनुदान के रूप में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाएगा, जबकि 50 प्रतिशत राशि का वहन हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।

परियोजना में सालाना लगभग 4.41 मिलियन यूनिट बिजली के उत्पादन की आशा है जिसमें 3.32 मिलियन यूनिट पीवी मॉड्यूल तथा 1.09 मिलियन यूनिट पवन टरबाईन द्वारा तैयार होगी और उसे ग्रिड आपूर्ति की अनुपलब्धता की स्थिति में बैक-अप बैटरी द्वारा सरंक्षित भी किया जा सकेगा।

इस परियोजना के अतिरिक्त, सौर पार्क, सौर ऊर्जा परियोजनाएं व अन्य नवीकरण क्षेत्र परियोजनाएं जो व्यवहारिक होगी हिमाचल प्रदेश के अन्य हिस्सों में स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड लि. तथा भारतीय सौर ऊर्जा निगम को इस पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस परियोजना से राज्य में विद्युत उत्पादन के अतिरिक्त अन्य वैकल्पिक ऊर्जा भी तैयार होगी और साथ ही प्रदेश में सौर व पवन ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक अवसर खुलेंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव वी.सी. फारका तथा तरूण श्रीधर व हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड तथा भारतीय सौर ऊर्जा निगम के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

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