वित्त मंत्रालय ने की स्वर्ण मुद्रीकरण योजना की प्रगति की समीक्षा

वित्त मंत्रालय ने की स्वर्ण मुद्रीकरण योजना की प्रगति की समीक्षा

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव शक्तिकांत दास ने 13 मई, 2016 को सभी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, रिजर्व बैंक और भारतीय मानक ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस) और स्वायत्त बांड योजना (एसबीएस) की समीक्षा की। बैठक में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर एच.आर. खान ने भी भाग लिया। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 नवंबर, 2015 को स्वर्ण मुद्रीकरण योजना का शुभारंभ किया था।

स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के अंतर्गत कम अवधि बैंक जमा राशि (एसटीबीडी) और लघु एवं दीर्घ अवधि सरकारी जमा राशि (एमएलटीजीडी) के अंतर्गत कुल 2891 किलो सोना एकत्र किया गया है। योजना के अंतर्गत भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणिकृत / अधिकृत 46 संग्रह एवं शुद्धता जांच केंद्रों (सीपीटीसी), 8 परिशोधक और एक जौहरी की व्यवस्था की गई है। बैठक के दौरान श्री दास ने बैंकों से योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने बैंकों को सीपीटीसी और परिशोधकों के त्रिपक्षीय और द्विपक्षीय समझौतों की संख्या बढ़ाने के लिए भी कहा। उन्होंने बैंकों और भारतीय बैंक एसोसिएशन को सीपीटीसी की कम मौजूदगी वाले क्षेत्रों में योग्य जौहरियों को सीपीटीसी के रूप में कार्य करने के लिए भी कहा। बैंकों से सीपीटीसी के लिए जमानत या अतिरिक्त मांगने के संबंध में प्रायोगिक रूख अपनाने के लिए भी कहा। बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार के सहयोग से भारतीय बैंक एसोसिएशन और विश्व स्वर्ण परिषद मिलकर एक व्यापक मीडिया अभियान चलाएंगे।

स्वायत्त स्वर्ण बांड योजना के संबंध में मई के अंत तक कारोबार शुरू करने पर विचार विमर्श किया गया और स्वायत्त स्वर्ण बांड योजना के चौथे चरण का शुभारंभ शीघ्र ही किया जाएगा।

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