केंद्र ने हिमाचल को सितंबर माह के लिए जारी किये 952 करोड़ : अनुराग

वीरभद्र की सरकार एक भी तीर्थयात्रा सर्किट हिमाचल में लाने में असफल : अनुराग ठाकुर

शिमला : हमीरपुर सांसद और भाजयुमो अध्यक्ष अनुराग ठाकुर केन्द्र सरकार के मानदंडों का अनुपाल करने में वीरभद्र की सरकार की विफलता और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में केन्द्र सरकार की सहायता का लाभ उठाने की इसकी असामर्थ्य पर खूब जमकर बरसे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल पूरे देश में देव भूमि के नाम से लोकप्रिय है। हिमाचल के मंदिरों को जोड़ते एक-एक हिमालयी सर्किट स्थापित करने की केन्द्र सरकार की योजना है, लेकिन दिशा-निर्देशों का पालन करने में राज्य सरकार की विफलता और पिछले सालों के लिए उपयोग प्रमाण पत्र नहीं जमा करवाने के कारण यह प्रक्रिया ठप्प हो गई है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए केन्द्रीय पर्यटन मंत्री से निजी तौर पर कई बार मुलाकात की है और मैं उपयोग प्रमाणपत्र का मसला मुख्यमंत्री वीरभद्र के नोटिस में भी ला चुका हूँ, लेकिन मुझे केन्द्रीय आर्थिक सहायता मांगने में देरी करने का कारण समझ नहीं आ रहा है।

2014 में केन्द्र सरकार ने दो तीर्थ यात्रा योजनाएं अर्थात “स्वदेश“ और “प्रसाद“ प्रारंभ की थी जो मुख्य तौर पर धरोहर स्थलों के चारों ओर पर्यटन को बढ़ावा देने तथा बुनियादी ढांचे, बेहतर संपर्क व्यवस्था को बढ़ाने तथा मंदिरों को बढ़ावा देने के लिए थी। इसने स्वदेश योजना के लिए 600 करोड़ रुपये और प्रसाद योजना के लिए 100 करोड़ रुपये आबंटित किए हैं, लेकिन हिमाचल भारत सरकार द्वारा पहले आबंटित निधियों के अनेक उपयोग प्रमाणपत्रों के लंबित रहने के कारण इनमें किसी भी योजना के लिए योग्य नहीं है। अनुराग ठाकुर ने कहा नरेन्द्र मोदी सरकार न केवल हमारी तीर्थ मंदिरों के आध्यात्मिक महत्त्व को जानती है, बल्कि स्थानीय आबादी के लिए आर्थिक लाभों को भी जानती है जो पर्यटन अपने साथ लाता है। कौन सी बात इन योजनाओं का लाभ उठाने से वीरभद्र सरकार को रोक रही है? यह हिमाचल सरकार की अकुशलता है कि वह पर्यटन सर्किट के तहत केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे लाभों का फायदा नहीं उठाना चाहती है। वीरभद्र सरकार इस राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनिच्छुक क्यों है?

अनुराग ठाकुर ने कहा कि उन्होंने पर्यटन मंत्री से चिंतपूर्णी मंदिर, ज्वालाजी, कांगड़ा में ब्रिजेश्वर मंदिर, हमीरपुर में बाबा बालक नाथ, बिलासपुर में नयना देवी और बिलासपुर में मरकंडे मंदिर को हिमालयन सर्किट के लिए आर्थिक सहायता के अंतर्गत शामिल करने के लिए कहा है।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *