मुख्यमंत्री ने किया जदरांगल में 5.26 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले 33 के.वी. विद्युत उप-केन्द्र का शिलान्यास

  • विद्युत उप-केन्द्र के बनने से 16 गांवों के लगभग 34 हजार लोग होंगे लाभान्वित
  • क्षेत्र के लोगों को कम वोल्टेज की समस्या से निजात मिलने के साथ-साथ ट्रांसमिशन व वितरण क्षति में भी आएगी कमी

 

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा आज जिला कांगड़ा के जदरांगल में 33 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र जदरांगल (चामुण्डा जी) का शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर माननीय ऊर्जा एवं कृषि मंत्री सुजान सिंह पठानिया, शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सुधीर शर्मा, विधायक पवन काजल, विधायक गोमा, विधायक संजय रतन, माननीय विधायक अजय महाजन, स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक ईं. पी. सी. नेगी और निदेशक (परिचालन) ईं. आर. के. शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर मुख्य मंत्री ने कहा कि इस विद्युत उप-केन्द्र के बन जाने से जदरांगल और आस-पास क्षेत्रों के 16 गांवों के लगभग 34 हजार लोग लाभान्वित होंगे। इस विद्युत उपकेन्द्र के बन जाने से क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति सशक्त होगी और स्लो वोल्टेज की समस्या का भी निवारण होगा। इसके साथ ही संचार एवं वितरण में होने वाली हानियों में भी कमी आएगी।

विद्युत उपकेन्द्र के बारे विस्तृत जानकारी देते हुए स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड लिमिटेड के उप निदेशक (लोक सम्पर्क) अनुराग पराशर ने बताया कि वर्तमान में जदरांगल और आस-पास क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को 33 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र नगरोटा बगवां और 33 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र सिद्धपुर से 11 के.वी. फीडरों के माध्यम से विद्युत आपूर्ति की जा रही है, जिनके अत्याधिक लम्बे होने के कारण क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति में कई बार व्यवधान आ जाता है तथा वोल्टेज भी कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त अधिकांश 11 के.वी. फीडर घने जंगल से गुजर रहे हैं, जिस कारण विद्युत आपूर्ति में बाधा आने की दिशा में कई बार विद्युत आपूर्ति बहाल करना मुश्किल हो जाता है। अतः जदरांगल और आस-पास क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को विश्वसनीय और गुणवतापूर्ण विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड लिमिटेड ने जदरांगल में 33 के.वी. विद्युत उप-केन्द्र जदरांगल (श्री चामुण्डा जी) को स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण पर लगभग 5 करोड़ 25 लाख रुपये की लागत आने का अनुमान है। इस विद्युत उपकेन्द्र से 11 के.वी. के 3 फीडरों चामुण्डा एक्सपै्रस, टंग और डाढ सहित एक अतिरिक्त फीडर निकाला जाएगा।

 

 

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