प्रदेश सरकार पौंग बांध विस्थापितों के पुनर्वास के लिये प्रतिबद्धः कौल सिंह
शिमला: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार पौंग बांध विस्थापितों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है और इनके पुनर्वास एवं पुनःस्थापन के लिये हर संभव प्रयास कर रही है। वह आज राजस्थान सचिवालय जयपुर में राजस्थान सरकार के गृह मंत्री गुलाब सिंह कटारिया तथा राजस्व मंत्री आशा राम चैधरी के साथ हिमाचल प्रदेश के पौंग बांध विस्थापितों के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के लिये आयोजित बैठक में बोल रहे थे। राजस्व मंत्री के साथ इस अवसर पर कृषि व ऊर्जा मंत्री, हि.प्र. सुजान सिंह पठानिया भी थे।
ठाकुर ने कहा हिमाचल सरकार के अथक प्रयासों के चलते वर्ष 2015 के दौरान पौंग बांध विस्थापितों को राजस्थान के विभिन्न जिलों गंगानगर, सूरतगढ़, अनूपगढ़, गड़साना आदि में 577 तथा वर्ष 2016 में 250 मुरब्बे आंवटित करवाए गए हैं। बैठक में राजस्थान सरकार की ओर से अवगत करवाया गया कि शेष बचे 800 मुरब्बों के लिये भी भूमि का चयन किया जा चुका है जो वर्तमान में आरक्षित सरकारी भूमि है और इसे डी रिजर्व करवाकर जल्द ही आवंटित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 800 मुरब्बों के आवंटन की यह प्रक्रिया आगामी छः माह में पूरी कर ली जाएगी।
राजस्व मंत्री ने कहा कि 827 विस्थापितों के पुनर्वास की व्यवस्था प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि है और इसके लिये प्रभावित परिवार पिछले 30 से अधिक वर्षों से अधिक समय से संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने राजस्थान सरकार के इस प्रयास को एक सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि इसके अतिरिक्त, जो प्रभावित परिवार मुरब्बे प्राप्त करने के लिये पूर्व में किन्हीं कारणों से आवेदन नहीं कर पाए थे, ऐसे परिवारों को एक बार आवेदन करने का अवसर प्रदान करने पर भी बैठक में सहमति बनी। इस बारे उपायुक्त (राहत एवं पुनर्वास) राजा का तालाब नूरपुर को आगामी प्रक्रिया अमल में लाने के निर्देश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि ब्यास नदी पर पौंग बांध का निर्माण वर्ष 1973 में पूर्ण कर लिया गया था और पौंग बांध झील का पानी राजस्थान पहुंचाया गया जिससे राजस्थान में खुशहाली आई और उन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ। इस बांध से 339 गांव प्रभावित हुए थे और अधिकांश परिवारों का राजस्थान में पुनःस्थापन किया जाना था।
ठाकुर ने बैठक में कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार समय-समय पर राजस्थान सरकार को 2.25 लाख एकड़ भूमि दिलाने के बारे में आग्रह करती आ रही है, लेकिन राजस्थान सरकार यह भूमि उपलब्ध नहीं करवाई जा रही थी। बैठक में इस भूमि के बारे में भी सहमति बनी और राजस्थान सरकार इसके लिये सैद्वान्तिक तौर पर मान गई है। राजस्व मंत्री ने कहा कि बैठक में लिये गए निर्णयों को अमलीजामा पहनाने के जो प्रयास किए जाएंगे, इसके लिये अक्तूबर माह में शिमला में समीक्षा बैठक आयोजित करने पर भी राजस्थान सरकार के साथ सहमति बनी। उन्होंने कहा कि अगले कल राजस्थान के मुख्यमंत्री से भी उनकी मुलाकात निश्चित हुई है और मुख्यमंत्री के साथ भी पौंग बांध विस्थापितों के मद्दे को उठाया जाएगा।