नई दिल्ली: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग की घटनाओं की निगरानी के लिए केंद्र से चार विशेषज्ञों का एक दल वहां भेजा गया है। इस विशेषज्ञ दल में एनआईडीएम के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर संतोष कुमार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में डीआईजी वन एसपी वशिष्ठ, अग्नि, विस्फोटक एवं पर्यावरण सुरक्षा केंद्र में विशेष निदेशक केसी वाधवा और दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक जीसी मिश्रा शामिल हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राज्य पुलिस, वन विभाग के करीब 6000 कर्मचारियों और स्वयंसेवियों को भी तैनात किया गया है और अभी स्थिति नियंत्रण में है।
बांबी बकेट (बाल्टी) के साथ वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टरों (एक एएलएच और दो एमआई-17) को भी स्थानीय प्रशासन की मदद करने के लिए तैनात किया गया है। मामले की तात्कालिकता को देखते हुए विशेषज्ञों की टीम से कहा गया है कि वे स्थिति का जायजा लेने के बाद एक सप्ताह के भीतर गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपें।
इससे पहले, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल से राज्य में आग लगने की घटनाओं के संबंध में बात की और कहा कि 116 बचावकर्मियों को एनडीआरएफ की तीन टीमों में राज्य के लिए रवाना किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जंगलों में लगी आग पर नियंत्रण पाने और नुकसान को रोकने के लिए केंद्र उत्तराखंड को सभी जरूरी सहायता उपलब्ध करा रहा है।
- उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर नजर रख रहा है केंद्र
वहीं उत्तराखंड के बड़े वन क्षेत्र में आग लगने की घटना पर लोकसभा में सदस्यों की चिंता के बीच सरकार ने आज कहा कि आग को काबू में करने के लिए केंद्र और राज्य प्रशासन के स्तर पर त्वरित कार्रवाई की गई है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस विषय को उठाए जाने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘ उत्तराखंड में जंगलों में आग लगने की घटना सामने आने के बाद जो भी हो सका है, त्वरित कार्रवाई की गई है। स्थानीय प्रशासन और गृह मंत्रालय ने कार्रवाई की है। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। ’ गृह मंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ की तीन टीमों को भेजा गया है, वायु सेना के हेलीकाप्टरों को लगाया गया है। इसके साथ ही घटनास्थल पर विशेषज्ञ टीमें भेजी गई हैं जिन्हें ऐसे मामलों में कुशलता हासिल है।
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘ कल रात को जानकारी मिली कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। ’ उन्होंने कहा कि आग लगने के बाद जिन लोगों की मौत हुई है, उनके बारे में स्थानीय प्रशासन का कहना है कि वह अभी यह नहीं कह सकते हैं कि इनकी मौत आग लगने के कारण ही हुई है।
इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि गंभीर पारिस्थितिकी आपदा उत्तराखंड में सामने आई है और इस प्रदेश में जहां कोई चुनी हुई सरकार अभी नहीं है, वहां पर जंगलों में गंभीर आग लगी है जो बड़े क्षेत्र में फैल गयी है। यह हिमाचल प्रदेश की ओर भी बढ़ रही है। कार्बेट पार्क की ओर भी बढ़ गयी है और इससे राजाजी नेशनल पार्क पर भी खतरा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ को भेजा है और हेलीकाप्टरों को भी लगाया गया है।